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नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को समन भेजा है। ईडी ने यह समन कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस के लिए जारी किया है और अग्रसेन गहलोत को कल यानी बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने अग्रसेन गहलोत को यह समन 2007-2009 के दौरान उर्वरक निर्यात घोटाले से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के लिए जारी किया है। बीते 22 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने इस सिलसिले में उनकी संपत्तियों की तलाशी भी ली थी। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, जांच एजेंसी ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली में फैले 13 स्थानों पर भी छापे मारे थे।

क्या है उर्वरक घोटाला मामला?

उर्वरक घोटाला यूपीए सरकार के समय 2007 से लेकर 2009 के बीच हुआ था। इस मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी डीआरआई यानी राजस्व खुफ़िया निदेशालय द्वारा दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने मामला दर्ज किया था।

दरअसल ये अग्रसेन गहलोत पर ये आरोप है की उनकी कंपनी अनुपम कृषि पर पोटाश यानि उर्वरक को रखने और उन्हे किसानों के बीच वितरित करने की ज़िम्मेदारी थी।

इंडियन पोटाश लिमिटेड ने विदेश से पोटाश आयात कर सरकारी सब्सिडी के साथ सस्ते में अनुपम कृषि नाम की कंपनी को दे दिया गया, लेकिन आरोप है कि सब्सिडी वाले सस्ते उर्वरक को किसानों को देने की वजाय उसे निर्यात कर दिया गया। निर्यात करने के लिए अग्रसेन गहलोत द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों का सहारा लिया गया, जिससे काफी मुनाफ़ा अग्रसेन गहलोत गहलोत और उसकी कंपनी को हुआ।

2013 में हुआ था खुलासा

मामले का खुलासा 2013 में हुआ था। इस मामले में उस समय कस्टम विभाग ने कार्रवाई करते हुए अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर करीब 7 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसी महीने कस्टम विभाग ने इस मामले पर प्रोसीक्यूशन कंपलेंट दाखिल की थी, जिसमें गहलोत के खिलाफ आरोप काफी गंभीर का जिक्र है। इसके साथ ही इस बात का भी जिक्र है कि अग्रसेन गहलोत इसे किसानों के लिए वितरित करने के बजाय निर्यात के लिए सर्राफ इंपेक्स को दे दिया।

बता दें कि ईडी ने 21 जुलाई को मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी माने जाने वाले कमल मेहता की संपत्तियां भी अटैच की है। ईडी ने कमल मेहता की 13 करोड़ की संपत्तियां अटैच की है. बता दें कि कमल मेहता जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व चेयरमैन हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस दौरान 12 फ्लैट, तीन प्लॉट, एक भवन को जब्त किया है। इसके अलावा कमल मेहता से जुड़ी 31 बीघा जमीन भी अटैच की गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने गहलोत के करीबी माने जाने वाले कमल मेहता पर फर्जी डिग्री और मार्कशीट जारी करने को लेकर कार्रवाई की थी। 

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