जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राजस्थान सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल परिवार के प्रमुख हैं और वे उनसे लड़ाई नहीं चाहते हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने पर रखी गई तीन शर्तों को लेकर बुलाई गई कैबिनेट बैठक के बाद राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप खाचरियावास सिंह ने यह बात कही। राजस्थान कैबिनेट की बैठक मंगलवार को यहां हुई जिसमें विधानसभा सत्र बुलाने के संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में शामिल परिवहन मंत्री ने कहा है कि सरकार 31 जुलाई से ही सत्र बुलाना चाहती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास में हुई कैबिनेट बैठक लगभग दो घंटे चली। बैठक के बाद प्रताप सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, 'हम राज्यपाल से कोई टकराव नहीं चाहते हैं वे हमारे परिवार के मुखिया हैं।' उन्होंने संकेत दिया कि राज्य सरकार की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने के लिए संशोधित प्रस्ताव एक बार फिर राजभवन को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा,' अब राज्यपाल को तय करना है कि वे हर राजस्थानी की भावना को समझें।'
क्या सरकार 31 जुलाई से ही सदन बुलाना चाहती है यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा,''हम 31 जुलाई से सत्र चाहते हैं। जो पहले प्रस्ताव था वह हमारा अधिकार है, संवैधानिक अधिकार है। उसी को हम वापस भेज रहे हैं।'
गौरतलब है कि राज्य में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का कैबिनेट का प्रस्ताव दुबारा वापस सरकार को भेजा है। राज्य सरकार ने शनिवार रात को जो संशोधित कैबिनेट प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया था उसमें विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने की बात थी। लेकिन राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को तीन बिंदुओं के साथ सरकार को लौटा दिया।