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नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी संकट एक नया मोड़ लेता जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी से चुने गए छह विधायक जो पिछले साल अगस्त में कांग्रेस के साथ विलय हो गए थे उन्हें पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करने का निर्देश देते हुए व्हीप जारी किया है। बीएसपी टिकट जो पर छह विधायक चुने गए थे वो हैं- आर. गुढ़ा, लखन सिंह, दीप चंद, जेएस अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली।

बीएसपी ने निर्देश देते हुए इन सभी से कहा कि राजस्थान विधान सभा सत्र के दौरान अविश्वासमत प्रस्ताव या किसी तरह की कार्यवाही के दौरान वे कांग्रेस के खिलाफ वोट करें। इससे पहले, बीएसपी प्रमुख मायावती ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। उन्होंने गहलोत पर दल-बदल कानून का दुरुपयोग करने और अब फोन टैपिंग का आरोप लगाया थी। साथ ही यह भी कहा थी कि लगातार बीएसपी के साथ दगाबाजी की गई है। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र की और अधिक दुर्दशा ना हो इसके लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है। 

 

मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा था, ''राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन और बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी और असंवैधानिक काम किया है।''

मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, ''इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।''

गौरतलब है कि राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। विधायक राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर भरतपुर), लाखन सिंह मीणा (करोली), संदीप यादव (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़ बास) ने पाला बदल लिया था। पिछले साल सितंबर में इन विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी।

 

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