जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराजगी के बाद सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों के बागी तेवर के चलते राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है। इस बीच, कांग्रेस की तरफ से देशभर के राजभवनों के सामने होने जा रहे प्रदर्शन से एक दिन पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को अपने आधिकारिक निवास, राजभवन की सुरक्षा स्थिति और राज्य में कोविड-19 संकट की समीक्षा की।
राज्यपाल कलराज मिश्र राजभवन में राज्य के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव से मिले। स्वरूप और यादव ने मिश्र को कांग्रेस द्वारा सोमवार को किए जा रहे प्रदर्शन के बारे में बताया। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने कलराज मिश्र को राजभवन की सुरक्षा के लिए की गई पुख्ता प्रबंध व्यवस्था की विस्तार से जानकारी दी।
राज्यपाल ने प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जाहिर की। राज्यपाल ने कहा कि एक जुलाई से आज तक कोरोना वायरस महामारी के प्रदेश में मामले तीन गुना हो गए हैं।
राज्यपाल ने निर्देश दिये कि प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण के लिए गंभीरता से प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी पर प्रदेश में नियंत्रण करने के लिए नई रणनीति बनाने पर विचार करना होगा।
राजभवन की सुरक्षा स्थिति का जायजा ऐसे वक्त पर लिया गया जब दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री के साथ करीब 100 कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को राज्यपाल के निवास पर लॉउन में प्रदर्शन किया। वे राज्यपाल से सोमवार से ही विधानसभा सत्र बुलाने और 200 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग कर रहे थे।
राजनीतिक ड्रामे के बाद राज्य की गहलोत सरकार ने राज्यपाल से 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही, पार्टी सोमवार से देशभर के राजभवनों के सामने धरना जा रही है। कांग्रेस ने 'संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिये देशभर में सोमवार को राजभवनों के सामने विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। राजस्थान सरकार ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिये राज्यपाल के पास संशोधित प्रस्ताव भेजा है।