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जयपुर: राजस्थान में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस की बैठक में सचिन पायलट को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। बैठक में सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिपद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट को आज की बैठक में आमंत्रित किया गया था, लेकिन पायलट ने इस मीटिंग से किनारा करके साफ कर दिया कि वह इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। बताते चलें कि सचिन पायलट के रविवार को दिल्ली पहुंचने के बाद से राजस्थान में सियासी घमासान का दौर चल रहा है।

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे संकट को देखते हुए सोमवार को रणदीप सुरजेवाला जयपुर पहुंचे हुए थे। उन्होंने यहां पर कहा कि पायलट आकर बातचीत करके मामला सुलझाए। पार्टी को उम्मीद थी की वो दूसरी मीटिंग में आएंगे, लेकिन पायलट ने इस मीटिंग से भी दूरी बना ली है। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि पायलट भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। हालांकि, सोमवार को सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि पायलट ने कहा है कि वो भाजपा में शामिल नहीं होंगे। सोमवार की रात पायलट के खेमे की ओर से एक वीडियो रिलीज़ किया गया था, जिसमें 15-16 विधायक एक जगह पर बैठे दिखाई दे रहे थे।

इसके पहले दिन में अशोक गहलोत के आवास में बुलाई गई विधायक दल की बैठक में तकरीबन 100 विधायक पहुंचे थे। गहलोत ने कहा है कि उनके पास लगभग 106 विधायकों का समर्थन है। लेकिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि गहलोत के पास इतने नंबर नहीं हैं, जितने का वो दावा कर रहे हैं।

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