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कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान को निर्देश दिया कि हलफनामा दायर कर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आईआईपीएम) से अपने रिश्तों के बारे में बताएं। छात्रों को गुमराह करने और उनसे ठगी करने के आरोप में आईआईपीएम के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई है। न्यायमूर्ति देबांगशु बासक ने खान, उनकी कंपनी रेड चिलीज इंटरटेनमेंट और संस्थान के प्रवर्तक अरिंदम चौधरी को व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। खान आईआईपीएम के कुछ विज्ञापनों में नजर आए थे।

याचिकाकर्ता छात्रों ने उच्च न्यायालय में दावा किया कि खान के विज्ञापन से प्रभावित होकर आईआईपीएम के पाठ्यक्रमों में उन्होंने नामांकन लिया। उनके वकील दीपांजन दत्ता ने न्यायमूर्ति बासक के समक्ष दावा किया कि खान संस्थान के ब्रांड एंबेसडर थे। खान के वकील ने दावे का खंडन किया और अदालत से कहा कि वे संस्थान के कुछ विज्ञापनों में ही नजर आए थे। इसके बाद न्यायमूर्ति बासक ने खान को निर्देश दिया कि हलफनामा दायर कर वह संगठन के साथ अपने संबंधों के बारे में बताएं।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने घोषित किया है कि संस्थान उससे संबद्ध नहीं है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसे फर्जी संस्थान घोषित कर रखा है। इसके बाद कुछ छात्रों ने 2018 में आईआईपीएम के खिलाफ न्यू टाउन थाने में मामला दर्ज कराया था।

दत्ता ने कहा कि चूंकि पुलिस आईआईपीएम के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं कर सकी और जांच के मामले को बंद करने की रिपोर्ट दायर नहीं की इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

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