पेरिस: रुबीना फ्रांसिस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल में कांस्य पदक जीतकर पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत को पांचवां पदक दिलाया। रुबीना क्वालिफिकेशन में सातवें स्थान पर रही थीं, लेकिन फाइनल में उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया। भारत का इस पैरालंपिक में निशानेबाजी में यह चौथा पदक है। रुबीना से पहले अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था, जबकि मोना ने कांस्य अपने नाम किया था। वहीं, पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में मनीष नरवाल ने रजत पदक जीता था।
क्वालिफिकेशन में पिछड़कर की थी वापसी
रुबीना ने क्वालिफिकेशन में 556 के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल में उन्होंने 211.1 का स्कोर किया। रुबीना एक समय दूसरे स्थान पर चल रही थीं, लेकिन छठी सीरीज में वह पीछे हो गईं, लेकिन शीर्ष तीन पर रहने में सफल रहीं।
25 वर्षीय रुबीना क्वालिफिकेशन दौर में शीर्ष आठ निशानेबाजों से पिछड़ रही थीं लेकिन उन्होंने अंत में तेजी दिखाई और पदक दौड़ में पहुंचीं। मध्य प्रदेश की यह निशानेबाज तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक के क्वालिफाइंग दौर में भी सातवें स्थान पर रही थीं और फिर फाइनल में भी सातवें स्थान पर रही थीं, लेकिन रुबीना ने टोक्यो की निराशा को पेरिस में पीछे छोड़ा और कांस्य लाने में सफल रहीं।
मालूम हो कि एसएच1 वर्ग में वो पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के पिस्टल संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं।