नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी। इस घटनाक्रम पर राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, सरकार देर से जागी है। रालोद नेता ने कहा, जो लोग बात कर रहे थे, दबदबा था, दबदबा रहेगा। चुनाव इनकी देखरेख में हो रहा था।
इससे पहले इस मामले पर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने चौधरी चरण सिंह की जयंती यानि शनिवार 23 दिसंबर को महिला पहलवानों को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। पहलवान साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के करीबी के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का चुनाव जीतने पर सन्यास का एलान कर दी है। जयंत चौधरी ने कहा, 'इससे देश का बड़ा नुकसान हुआ है और हानी पहुंची है। चुनाव से खिलाड़ियों को मायूसी हुई है। चुनावों में फिर से वही लोग जीत कर आ गए हैं। लेकिन खिलाड़ियों को हिम्मत रखनी चाहिए।'
दूसरी ओर संसद से सांसदों के निंलबित होने पर कहा, 'संसद में सरकार चर्चा से बच रही है। रहन सहन पहनावे के लिए आजादी दी गई है, यह सही है। संवैधानिक अधिकार है।'
डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने पर संजय सिंह (जिन्हें डब्ल्यूएफआई का नया अध्यक्ष चुना गया) ने कहा, 'मैं फ्लाइट में था। मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। पहले मुझे पत्र देखने दीजिए, उसके बाद ही मैं कोई टिप्पणी करूंगा।'
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने 'नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया। हमने महासंघ को बर्खास्त नहीं किया है, बल्कि अगले आदेश तक निलंबित किया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।'
क्या हैं निलंबन के कारण?
सूत्र ने निलंबन के कारणों के बारे में बताते हुए कहा, 'डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर 2023 को अध्यक्ष चुने जाने के दिन ही घोषणा की कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप साल खत्म होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होगी।'
उन्होंने कहा, 'यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है। उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है। डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया।'
मंत्रालय के सूत्र ने कहा, 'डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के नियम 3 (ई) के अनुसार, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य अन्य बातों के अलावा कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग) के नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करना है।'