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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह की जीत के बाद विरोध-प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में शामिल विनेश फोगाट कैमरे के सामने ही रो पड़ीं। विनेश फोगाट उन पहलवानों में से एक हैं, जो यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कुश्ती फेडरेशन के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। विनेश फोगाट संजय सिंह की जीत पर विरोध जताते हुए कैमरे के सामने रो पड़ीं, जब कि साक्षी मलिक ने अपने कुश्ती के जूते टेबल पर रखकर संन्यास लेने का एलान कर दिया।

कैमरे के सामने रो पड़े पहलवान

विरोध प्रदर्शन करने वालों में साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट समेत अन्य पहलवान शामिल रहे. फेडरेशन के चुनाव रिजल्ट सामने आने के बाद इन पहलवानों ने मीडिया को संबोधित किया और वे लोग कैमरे के सामने ही रो पड़े। बता दें कि 12 सालों तक भारतीय कुश्ती महासंघ का नेतृत्व करने वाले बृज भूषण शरण सिंह को इस साल की शुरुआत में पद छोड़ना पड़ा, जिसके बाद एक बार फिर से चुनाव कराए गए।

बीजेपी सांसद के सहयोगी संजय सिंह ने कल चुनाव जीतकर शीर्ष पद पर उनकी जगह ली।

अब भी न्याय की आस है: विनेश फोगाट

विनेश फोगट ने कहा, "अब जब संजय सिंह को कुश्ती महासंघ का प्रमुख चुना गया है, तो महिला पहलवान उत्पीड़न का सामना करती रहेंगी। वहीं साक्षी मलिक ने भी कुश्ती छोड़ने का एलान किया। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाली विनेश फोगट ने कहा कि उनके पास कोई क्लू नहीं है कि देश में न्याय कैसे पाया जाए। विनेश फोगाट ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "बहुत कम उम्मीद है, लेकिन हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। यह दुखद है कि कुश्ती का भविष्य अंधकार में है। हम अपना दुख किसे बताएं... हम अभी भी लड़ रहे हैं।"

साक्षी मलिक ने किया कुश्ती छोड़ने का एलान

वहीं ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि वह चाहती थीं कि कुश्ती संस्था प्रमुख का पद किसी महिला को मिले लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने कहा कि हमने लड़ाई भी की, लेकिन अगर नया अध्यक्ष बृजभूषण का सहयोगी, उनका बिजनेस पार्टनर है तो वह कुश्ती छोड़ देंगी। यह कहते हुए साक्षी मलिक ने अपने जूते टेबल पर रख दिए।

बृजभूषण शरण सिंह के करीबी ने जीता डब्ल्यूएफआई चुनाव

बता दें कि संजय सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण पर भारी जीत हासिल करते हुए 47 में से 40 वोट हासिल किए। अनीता शौराण्य को शीर्ष पहलवानों का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध किया था। लेकिन वह हार गईं और संजय सिंह कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बन गए। संजय सिंह पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती निकाय के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। वह 2019 से डब्ल्यूएफआई की अंतिम कार्यकारी परिषद और इसके संयुक्त सचिव का भी हिस्सा थे।

डब्ल्यूएफआई उपाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव चुनाव हार गए। अध्यक्ष पद के अलावा, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव और पांच कार्यकारी सदस्यों के पदों को भरने के लिए भी चुनाव हुए।

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