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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनावों के लिए अधिसूचना आठ दिसंबर को या इसके बाद जारी की जा सकती है। इस साल की शुरुआत में प्रकाशित निर्वाचन सूची में किसी भी तरह के बदलाव को भी आठ दिसंबर को ही शामिल किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा चुनावों पर लगाई गई रोक को हाल में हटा दिया था जिससे डब्ल्यूएफआई की नई संचालन इकाई को चुनने की प्रक्रिया शुरू करने का रास्ता साफ हो गया।

भारत के शीर्ष पहलवानों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद खेल मंत्रालय ने बृजभूषण शरण सिंह की अगुआई वाले महासंघ को निलंबित कर दिया था और भारतीय वुशु संघ के प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा की अगुवाई में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा गठित तदर्थ पैनल अभी डब्ल्यूएफआई का दैनिक कामकाज देख रहा है। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई पहलवानों ने बृजभूषण द्वारा महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ यहां जंतर-मंतर पर दो महीने से अधिक समय तक धरना दिया था।

उच्चतम न्यायालय के चुनावों का रास्ता साफ करने के बाद निर्वाचन अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमएम कुमार ने 30 नवंबर को एक बैठक की और बाजवा से पूछा कि क्या 12 अगस्त को निर्धारित चुनावों के लिए शुरू में 25 जुलाई 2023 को अधिसूचित निर्वाचक मंडल में कोई बदलाव हुआ है। जुलाई में शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया में अदालत में मामले दायर होने से विलंब हुआ। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महासंघ (यूनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने भी निर्धारित समय में चुनाव नहीं कराने के लिए डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया।

निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया,‘डब्ल्यूएफआई के चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है जिस पर चुनाव कराने की तय तारीख से ठीक एक दिन पहले 11 अगस्त को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।’ सहायक निर्वाचन अधिकारी तापस भट्टाचार्य ने बयान में कहा, ‘निर्वाचन अधिकारी ने बाजवा से यह बताने के लिए कहा कि क्या 25 जुलाई 2023 को पहले से अधिसूचित निर्वाचक मंडल में कोई बदलाव हुआ है। उनसे यह जानकारी जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया। बाजवा ने एक सप्ताह का समय मांगा। पूरी जानकारी पांच दिन के भीतर यानी आठ दिसंबर या उससे पहले उपलब्ध कराई जाए ताकि चुनाव कराने की अंतिम अधिसूचना जारी की जा सके।’

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