विशाखापट्टनम: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही पांच मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले का अंत बेहद रोचक अंदाज में हुआ। 209 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया को एक वक्त चार गेंद पर महज दो रन बनाने रह गए थे, लेकिन यहां बैक टू बैक तीन विकेट गिरे और मुकाबला फंस गया। अब भारत को आखिरी गेंद पर एक रन की दरकार थी। रिंकू सिंह सामने थे और उन्होंने शॉन एबॉट की गेंद पर लाजवाब छक्का जड़ दिया। यहां अंपायर ने एक इशारा किया और फिर क्रिकेट के चाहने वालों को एक दिलचस्प नियम से रूबरू होने का मौका मिला।
अंपायर के इशारे के बाद भी टीम इंडिया की जीत तो तय हो गई। लेकिन रिंकू सिंह का छक्का बर्बाद हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शॉन एबॉट की गेंद नो-बॉल निकल गई। वैसे क्रिकेट में नो-बॉल पर भी छक्का काउंट होता है तो फिर आखिरी रिंकू सिंह का छक्का क्यों नहीं माना गया? इस सवाल का जवाब क्रिकेट फैंस के दिमाग को चकराता रहा। यहां हम इस सवाल का आसान सा जवाब दे रहे है।
दरअसल, रिंकू सिंह ने मैच की आखिरी गेंद पर जब छक्का जड़ा, तब भारतीय टीम को जीत के लिए महज एक रन की दरकार थी। अब क्योंकि शॉन एबॉट की गेंद नो-बॉल थी, तो डिलीवरी के पहले ही भारत को अतिरिक्त रन मिल चुका था। यानि भारतीय टीम जीत चुकी थी। ऐसे में छक्के का कोई महत्व नहीं रह गया था। यही कारण रहा कि इस मुकाबले की आखिरी गेंद और आखिरी शॉट खारिज कर दिया गया। हां, अगर यहां भारत को जीत के लिए दो रन की दरकार होती तो रिंकू सिंह का यह मैच फिनिशिंग छक्का जरूर गिना जाता।
सूर्या की पारी ने इंगलिस के शतक पर फेरा पानी
इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने जोस इंगलिस की 50 गेंद पर 110 रन की पारी की बदौलत 208 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारत ने सूर्यकुमार यादव के 40 गेंद पर 82 रन की ताबड़तोड़ पारी की बदौलत टारगेट एक गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया। यहां ईशान किशन ने भी 39 गेंद पर 58 रन की अहम पारी खेली।