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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लिए सिंचाई में निवेश आवश्यक है। इसमें नाबार्ड की धन वितरण को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे किसानों को उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने सिंचाई वित्तपोषण के लिए 80,000 करोड़ रूपये उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 19,700 करोड़ रूपये चालू वित्त वर्ष में आएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि में निवेश दोनों सामाजिक और आर्थिक कारणों से जरूरी है। यदि हमें कृषि आय बढ़ानी है तो हमें कृषि उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए सिंचाई आवश्यक है, हम सिर्फ मानसून पर निर्भर नहीं रह सकते। चालू वित्त वर्ष में नाबार्ड द्वारा दी जाने वाली 19,700 करोड़ रूपये की राशि में से 1,500 करोड़ रूपये आज जल संसाधन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाली राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी को दिए गए। जेटली ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस पैसे का इस्तेमाल तेजी से किया जाएगा जिससे 2022 तक कृषि आय को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से यह देखने में आया है कि जिन राज्यों में कृषि क्षेत्र का सालाना उत्पादन आठ प्रतिशत की दर से बढ़ा है, संबंधित सरकारें पुन: चुनी गई हैं। ऐसे में जरूरी है कि कृषि उत्पादन बढ़ाया जाए।’ इस मौके पर जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह पहला मौका है जबकि नाबार्ड द्वारा सिंचाई के वित्तपोषण के लिए धन जारी किया जा रहा है।

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