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नई दिल्ली: भारत गुरुवार को ब्रिक्स समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) के वाणिज्य मंत्रियों की बैठक का आयोजन कर रहा है, जिसमें सदस्य राष्ट्र व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग बढ़ाने की व्यवस्था तय करेंगे। इस बैठक की मेहमाननवाजी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। बैठक में ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका के वाणिज्य मंत्री भाग लेंगे। नई दिल्ली में एक अधिकारी ने कहा कि 13 अक्टूबर को दिनभर चलने वाले विचार विमर्श में मंत्री लघु एवं मझोले उद्यम, सेवा व्यापार, व्यापार से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), व्यापार प्रोत्साहन, गैर शुल्क उपायों के प्रस्ताव तथा मानकीकरण के मुद्दे शामिल रहेंगे। इस बैठक में 'ब्रिक्स' एकल खिड़की सहयोग के लिए एक निर्धारित मानक तय करेंगे। सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के लिए विचार विमर्श इस दृष्टि से उल्लेखनीय है कि भारत ने हाल में सेवाओं पर व्यापार सुविधा करार पर सहमति के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक अवधारणा पत्र जारी किया है। यह वस्तुओं की तरह के समझौते की तरह है। वस्तु व्यापार संबंधी समझौते पर डब्ल्यूटीओ में दस्तखत हो चुके हैं। अधिकारी ने कहा कि विचार विमर्श पूरा होने के बाद एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया जाएगा।

उस दिन सीतारमण सभी वाणिज्य मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय विचार विमर्श करेंगी। इस बैठक के बाद 15-16 अक्टूबर को गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। ब्रिक्स के पांच सदस्य देशों में दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी रहती है। इन देशों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16,000 अरब डॉलर है। ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच व्यापार को प्रोत्साहन के लिए भारत पहली बार उसी दिन व्यापार प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। इस प्रदर्शनी में ब्रिक्स देश अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तथा औद्योगिक विकास में हुई प्रगति का प्रदर्शन करेंगे। अंतर ब्रिक्स व्यापार 2012 के 281.4 अरब डॉलर से बढ़कर 2014 में 297 अरब डॉलर पर पहुंच गया। प्रदर्शनी में बिम्सटेक (बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान तथा नेपाल) के व्यापारिक नेताओं को ब्रिक्स की कंपनियों के साथ बैठक और विचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया है।

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