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नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद रिटर्न फाइल करने तथा कर योजना को लेकर असमंजस को दूर करने को ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग पोर्टल क्लियर टैक्स मदद करेगी। क्लियरटैक्स जीएसटी व्यवस्था में व्यापारियों और कारोबारियों के लिए सलाहकार के रूप में काम करेगी और कारोबारियों तथा उद्योगों को रिटर्न जमा कराने में मदद करेगी। क्लियरटैक्स.कॉम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्चित गुप्ता ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती एक-डेढ़ साल दिक्कतें आ सकती हैं। ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग पोर्टल इसमें मदद के लिए एक मोबाइल एप पेश करेगी। सरकार का इरादा जीएसटी को एक अप्रैल, 2017 से लागू करने का है। नई व्यवस्था में पंजीकरण, रिटर्न फाइल करना और रिफंड का दावा सब कुछ ऑनलाइन होगा। गुप्ता ने कहा, ‘हम जीएसटी के लिए प्रौद्योगिकी आधार तैयार कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि कारोबारी और उद्योग अपने प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म और सॉफ्टवेयर से अपना मासिक अनुपालन करें।’ फिलहाल क्लियर टैक्स लोगों तथा शेयर बाजारों के ब्रोकरों को अपना आयकर रिटर्न जमा करने में मदद करती है।

साथ ही यह इस बारे में भी सुझाव देती है कि वे अपनी कर कटौती को किस तरीके से अधिकतम कर सकते हैं।

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