नई दिल्ली: आतंकवाद को आर्थिक स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा करार देते हुए वित्त मंत्रालय ने आज {गुरूवार) कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से वृद्धि को बल मिलेगा। उद्योग जगत ने भी भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के कदम का पूरा समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कड़ी कार्रवाई का समय है। इसके साथ ही उद्योग जगत ने देश की अर्थव्यवस्था या व्यापार पर इसके किसी भी नकारात्मक असर की आशंका को खारिज किया है। उल्लेखनीय है कि भारत ने अपनी तरह की पहली कार्रवाई में बीती रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। सेना के विशेष बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से भारत में घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को ‘भारी नुकसान’ पहुंचाया और अनेक आतंकी मारे गए। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीटर पर लिखा, ‘आतंकवाद हमारी आर्थिक स्थिरता व वृद्धि को सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से वृद्धि व स्थिरता को बल मिलेगा।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि मुद्रा व शेयर बाजार भी अगले कुछ दिनों में स्थिर हो जाएंगे। बीएसई का सेंसेक्स आज 465.28 अंक लुढ़क कर बंद हुआ।
बायोकान की सीएमडी किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीटर पर लिखा, ‘हमारे शिष्ट व सौम्य व्यवहार का पारस्परित अच्छा प्रत्युत्तर नहीं मिला इसलिए कड़ी कार्रवाई का समय है।’ उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने अपने एक पूर्व ट्वीट का ज्रिक किया है कि ‘मेरा हमारी सेना में विश्वास है। वे जानते हैं कि कब और कैसे बदला लेना है।’ पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि सेना की कार्रवाई का देश के व्यापार व अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा और वित्तीय बाजारों में उतार चढाव अल्पकालिक है।’ एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा,‘ पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनावपूर्ण हालात के किसी संभावित प्रभाव से निपटने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्याप्त मजबूती (बैंडविड्थ) है।’