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नई दिल्ली: पेट्रोल व डीजल में केरोसिन की मिलावट के मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के तेवर सख्त रहे। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि ये कोई सुखद हालात नहीं। राजनेताओं और कॉर्पोरेट लोगों के ही पंप हैं जो नहीं चाहते कि नियम कानून में बदलाव हो. दूरदराज के हालात और भी खराब हैं। उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी से बसपा की सांसद सीमा उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी की। याचिका में आरोप लगाया है कि हाथरस के पास सादाबाद से विधायक देवेंद्र अग्रवाल पेट्रोल और डीजल में केरोसिन में मिलाते हैं और फिर अपने पंपों से बेचते हैं। इसी तरह करोड़ों रुपये की संपत्ति कमा ली है। कोर्ट ने हाथरस के पास सादाबाद से सपा के विधायक देवेंद्र अग्रवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए। इतना ही नहीं पेट्रोलियम मंत्रालय को चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय 6 हफ्ते में ये बताए कि पेट्रोल पंप पर मिलावट को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा क्या ये संभव है कि पंपों पर कोई ऐसा उपकरण लगाया जा सकता है जिससे अगर मिलावट की गई हो तो पेट्रोल या डीजल बाहर ही न आए।

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