नई दिल्ली: सरकार ने ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं को बढ़ावा देते हुये आज 9 राज्यों में 24,000 करोड़ रुपये की 9 रेल परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने रेलवे लाइन विस्तार की परियोजना को हरी झंडी दे दी। इसके तहत 1,937.38 किलोमीटर लंबी रेल लाइनों का विस्तार एवं निर्माण किया जायेगा जिसपर 24,374.86 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यहां जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार जिन नौ रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है उनमें नई बोंगईगांव और कामाख्या के बीच 176 किलोमीटर लंबी दूसरी रेल लाइन का निर्माण, खड़गपुर (नीमपुरा) और आदित्यपूर (झारखंड) के बीच 132 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन और छत्तीसगढ़ में राजनंदगांव और महाराष्ट्र में नागपुर के बीच 228.3 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण शामिल है। इसके अलावा मथुरा और झांसी के बीच 273.80 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन और झांसी तथा बीना के बीच 152.57 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण किया जायेगा। इसके अलावा इटारसी और नागपुर के लिये 280 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन तथा बलारशाह और काजीपेठ के बीच 201.04 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जायेगी।
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने विजयवाड़ा और गुडूर के बीच 287.68 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन और झारसुगुडा और बिलासपुर के बीच 206 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन का निर्माण को भी मंजूरी दे दी। इन लाइनों के निर्माण से क्षेत्र में यातायात का दबाव तो कम होगा ही नई लाइनों के बनने से क्षेत्र में उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा और उनकी माल परिवहन की समस्या भी दूर होगी। नई लाइनों के बनने से खाद्यान्न को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने, खनन, कोयला क्षेत्रों और बिजली संयंत्रों को भी अतिरिक्त परिवहन क्षमता उपलब्ध होगी। इससे रेलवे की आय बढ़ेगी। इन परियोजनाओं से 2020 तक रेलवे को 1.5 अरब टन माल परिवहन की क्षमता सृजित होगी।