मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज (मंगलवार) कहा कि सार्वजनिक (पीएसयू) बैंकों में निचले स्तर पर वेतनमान अधिक है लेकिन शीर्ष कार्यकारियों को ‘कम वेतन’ मिलता है। एक तरह से मजाकिया लहजे में राजन ने कहा कि उन्हें तो खुद ‘कम पैसा मिलता है।’ राजन ने सार्वजनिक बैंकों के शीर्ष पदों पर प्रतिभाओं को आकर्षिर्त करने में आ रही दिक्कतों को रेखांकित करते हुए यह बात कही। बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र की सभी इकाइयों में एक समस्या यह भी है कि आप निचले स्तर पर अधिक वेतन (ओवरपे) देते हैं जबकि शीर्ष पर कम वेतन (अंडर पे) देते हैं। यह सही है कि आपको लगता है कि आप व्यापक जनहित में काम कर रहे हैं लेकिन इससे शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करना मुश्किल हो जाता है।’ राजन ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘मुझे भी लगता है कि पैसा कम मिलता है।’ रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार राजन का कुल मासिक वेतन भुगतान जुलाई 2015 में 1,98,700 रूपये रहा। वित्तीय संस्थानों की सालाना रपटों के अनुसार सार्वजनिक व निजी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के वेतनमान में भारी अंतर है।
एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को 2015-16 में केवल 31.1 लाख रूपये वेतन मिला जबकि निजी बैंक एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी का वेतनमान इसी अवधि में तीन गुना अधिक 9.7 करोड़ रूपये रहा।