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नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा लगातार दूसरे दिन कीमतों में बढ़ोतरी करने के बाद अब पेट्रोल की कीमत शतक के करीब पहुंच चुकी है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल का भाव गुरुवार को 96.10 रुपये तो डीजल की कीमत 85. 75 रुपये हो गई है। वहीं राजधानी जयपुर में पेट्रोल 91 रुपया 63 पैसा तो डीजल 83 रुपये 64 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत गुरुवार को 84.20 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।

मुंबई में डीजल रिकॉर्ड ऊंचाई पर

तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को पेट्रोल की कीमत में 23 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 84.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 74.38 रुपये हो गई है। मुंबई में पेट्रोल 90.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.07 रुपये प्रति लीटर है।

यह दिल्ली में पेट्रोल की अब तक की सबसे अधिक कीमत है, जबकि मुंबई में डीजल रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने बुधवार को लगभग एक महीने बाद दैनिक आधार पर कीमतों की समीक्षा फिर शुरू की। बुधवार को पेट्रोल के दाम में 26 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी।

चार अक्तूबर 2018 को 84 रुपये प्रति लीटर था पेट्रोल

इससे पहले दिल्ली में पेट्रोल की अधिकतम कीमत चार अक्तूबर 2018 को 84 रुपये प्रति लीटर थी। उस समय डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर था। ऐसे में सरकार ने महंगाई के दबाव को कम करने और ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके साथ ही तेल विपणन कंपनियों ने भी कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की। हालांकि, एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को बताया कि फिलहाल कोई कर कटौती विचाराधीन नहीं है।

ऐसे बढ़ जाता है पेट्रोल-डीजल का रेट

पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। अगर केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट हटा दें तो डीजल और पेट्रोल का रेट लगभग 27 रुपये लीटर रहता, लेकिन चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों किसी भी कीमत पर टैक्स नहीं हटा सकती। क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है। इस पैसे से विकास होता है।

हर सुबह तय होती हैं कीमतें

दरअसल विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत के आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद रोज़ाना पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयल , भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोज़ाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं। 

 

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