नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच गतिरोध जारी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एकत्र किए गए टैक्स को लेकर क्षतिपूर्ति राशि/मुआवजा आज रात जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री ने जीएसजी काउंसिल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह एलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि हम राज्यों को मुआवजे की राशि से इंकार नहीं कर रहे। किसी ने भी कोविड-19 की स्थिति की कल्पना नहीं की थी। ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार 'फंड पर कब्जा' किए बैठी है। फंड उधार लेना होगा। क्या मैंने किसी राज्य को मुआवजे से इंकार किया है?
उन्होंने कहा कि बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया है कि उधार लेने के विकल्प पर हमें फिर से मिलकर बात करनी चाहिए। हम 12 अक्टूबर को फिर मिलेंगे और इस मुददे पर बातचीत जारी रखेंगे। इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री, वहीं केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी भी मौजूद थे।
वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय साल में राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी मुआवजे में 2,35,000 करोड़ के शॉर्टफॉल या फिर गिरावट का अंदेशा है।
गौरतलब है कि पिछले जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने के सवाल पर तीखी बहस हुई थी। सोमवार की बैठक में भी इस मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के प्रतिनिधियों की तरफ से केंद्र सरकार पर बकाया रकम जल्दी चुकाने को लेकर दबाव बनाया गया। सरकार के उधार लेने का प्रस्ताव स्वीकार करने वाले राज्यों में- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल है। इनमें कांग्रेस शासित केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी भी है।