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नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि समस्याओं से निपटने को लेकर सरकार का आर्थिक प्रोत्साहन पर्याप्त नहीं था। हालांकि, बनर्जी ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर में जुलाई-सितंबर तिमाही में सुधार देखने को मिलेगा।

अर्थशास्त्री ने ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर कोविड-19 महामारी संकट से पहले से धीमी पड़ रही थी। उन्होंने कहा, ''भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। देश की अर्थव्यवस्था में चालू तिमाही (जुलाई-सितंबर) में पुनरूद्धार देखने को मिलेगा।''

बनर्जी ने कहा कि 2021 में आर्थिक वृद्धि दर इस साल के मुकाबले बेहतर होगी। फिलहाल मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एफआईटी) के प्रोफेसर बनर्जी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर्याप्त था।

 

उन्होंने कहा, ''भारत का आर्थिक प्रोत्साहन सीमति था। यह बैंकों की तरफ से एक प्रोत्साहन था। मुझे लगता है कि हम कुछ और ज्यादा कर सकते थे। प्रोत्साहन उपायों से कम आय वर्ग के लोगों की खपत पर खर्च में बढ़ोतरी नहीं हुई क्योंकि सरकार इन लोगों के हाथों में पैसा डालने को इच्छुक नहीं थी।''

मुद्रास्फीति के बारे में बनर्जी ने कहा कि भारत की वृद्धि रणनीति बंद अर्थव्यवस्था वाली रही है। इसमें सरकार काफी मांग पैदा करती है जिससे ऊंची वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति भी बढ़ती है। उन्होंने कहा, ''भारत में 20 साल तक उच्च मुद्रास्फीति और उच्च वृद्धि दर की स्थिति रही। देश को पिछले 20 साल में स्थिर उच्च मुद्रास्फीति से काफी लाभ हुआ।'' बनर्जी ने कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर और प्रतिस्पर्धी होने की जरूरत है।

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