नई दिल्ली: गूगल प्ले स्टोर में पेटीएम की वापसी हो गई है। एक बार फिर गूगल प्ले स्टोर में यह डाउनलोड्स के लिए उपलब्ध हो गया है। कंपनी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। पेटीएम की ओर से हाल ही में ऐप पर लॉन्च किए गए गेम से 'कैशबैक' फीचर को वापस लिए जाने के बाद गूगल ने इसे प्ले स्टोर में दोबारा शामिल किया। इससे पहले गूगल ने शुक्रवार को कहा कि उसने पेटीएम ऐप को खेलों में सट्टेबाजी संबंधी गतिविधियों पर अपनी नीति के उल्लंघन के चलते प्ले स्टोर से हटा दिया है।
पेटीएम ऐप को डाउनलोड या अपडेट नहीं किया जा सकता था, लेकिन इस ऐप के मौजूदा उपयोगकर्ताओं पर फिलहाल कोई असर नहीं हुआ। गूगल ने शुक्रवार को एक ई-मेल के जवाब में कहा, ''ऐप को 'प्ले नीतियों के उल्लंघन के चलते ब्लॉक किया गया है- हमारी नीति के संबंध में आईपीएल टूर्नामेंट से पहले आज एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है।''
गूगल ने यह भी कहा कि इस कदम से केवल प्ले स्टोर पर ऐप की उपलब्धता प्रभावित होगी और इसके उपयोगकर्ताओं पर कोई असर नहीं होगा। इस बीच पेटीएम ने एक ट्वीट किया कि नए डाउनलोड या अपडेट के लिए पेटीएम एंड्रॉइड ऐप गूगल प्ले स्टोर पर अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं है।
कंपनी ने कहा, ''यह (ऐप) बहुत जल्द (प्ले स्टोर पर) वापस आ जाएगा। आपका पूरा धन पूरी तरह सुरक्षित है, और आप अपने पेटीएम ऐप का सामान्य रूप से प्रयोग कर सकते हैं।'' पेटीएम डिजिटल लेनदेन की एक लोकप्रिय ऐप है।
गूगल ने शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह खेलों में सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले ऐप की इजाजत नहीं देता है और ऐसे ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा। भारत में आईपीएल जैसे प्रमुख खेल आयोजनों से पहले इस तरह के ऐप बड़ी संख्या में लॉन्च किए जाते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का नवीनतम सत्र 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होने वाला है।
गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ''हम ऑनलाइन कैसिनो की अनुमति नहीं देते हैं या खेलों में सट्टेबाजी की सुविधा देने वाले किसी भी अनियमित जुआ ऐप का समर्थन नहीं करते हैं। इसमें वे ऐप शामिल हैं जो ग्राहकों को किसी ऐसी बाहरी वेबसाइट पर जाने के लिए प्रेरित करते हैं, जो धनराशि लेकर खेलों में पैसा या नकद पुरस्कार जीतने का मौका देती है। यह हमारी नीतियों का उल्लंघन है।''
ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि ये नीतियां उपयोगकर्ताओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हैं। गूगल ने यह भी कहा कि जब कोई ऐप इन नीतियों का उल्लंघन करता है, तो उसके डेवलपर को इस बारे में सूचित किया जाता है, और जब तक डेवलपर ऐप को नियमों के अनुरूप नहीं बनाता है, उसे तब तक गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया जाता है।