रियाद: मिडिल ईस्ट में लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच सऊदी अरब के रियाद में सोमवार (11 नवंबर 2024) को एक अहम सम्मेलन हुआ। अरब और इस्लामिक देशों के इस संयुक्त सम्मेलन में इजरायल की ओर से गजा और लेबनान पर हो रहे हमलों को लेकर काफी चर्चा हुई। इस दौरान सभी ने एक सुर में यही कहा कि गाजा और लेबनान में हमले रुकने चाहिए।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सम्मेलन में सबसे पहले भाषण दिया। उन्होंने गजा में इजरायल की ओर से हो रहे जनसंहार की निंदा करते हुए कहा, "लेबनान और गजा में तत्काल प्रभाव से युद्ध पर विराम लगना चाहिए।" इसके बाद सम्मेलन में आए दूसरे मेहमानों ने अपनी बात रखी और सभी ने इजरायल के हमलों को गलत बताया।
सम्मेलन में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने गजा पट्टी पर फिलिस्तीन का हक जताया। उन्होंने कहा, "गाजा पट्टी फिलिस्तीन की ज़मीन का अभिन्न अंग है और भविष्य के किसी भी समाधान में वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी को शामिल होना चाहिए।"
इसके अलावा अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में पूर्ण सदस्यता की मंजूरी देने का आह्वन भी किया।
मिस्र के राष्ट्रपति ने इजरायल के हमलों की निंदा की
वहीं, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने कहा कि उनका देश 'गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी लोगों के व्यवस्थित हत्या अभियान की निंदा करता है। उनका देश हर उस योजना जो फिलिस्तीनी मुद्दे को खत्म करने, चाहे स्थानीय लोगों को विस्थापित करने या गाजा पट्टी को वीरान इलाके में बदलने के मकसद से लाई गई हो... उसके खिलाफ रहेगा। इन योजनाओं को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हमास ने अरब देशों से की ये खास मांग
इसके अलावा लेबनान को लेकर मिस्र के राष्ट्रपति ने कहा, उनका देश लेबनान के हमारे भाइयों को हर मदद देने का वादा करता है। दूसरी तरफ हमास ने रविवार (10 नवंबर 2024) को अरब और इस्लामी देशों से गठबंधन बनाने की अपील की थी ताकि फिलस्तीनी लोगों के सभी अधिकारों को बचाया जा सके। साथ ही हमास ने मांग की है कि अरब देश अपने यहां से इसराइली राजदूतों को बाहर निकाल दें। हमास के नेता ओसामा हम्दान ने अपील की है कि रियाद में अरब और इस्लामी देश के नेता ‘यहूदी राष्ट्र’ से संबंध तोड़ लें।