इस्लामाबाद: मुंबई हमले (26/11) के मुख्य आरोपी हाफिज सईद के प्रत्यर्पण को लेकर की गई भारत की मांग को पाकिस्तान ने ठुकरा दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी सरकार से अनुरोध किया था, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की गई थी।
सईद के प्रत्यर्पण को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आरिंदम बागची ने कहा कि यह व्यक्ति भारत में कई मामलों में वांछित है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है। इस सबंध में, हमने पाकिस्तान सरकार को संबंधित सहायक दस्तावेजों के साथ एक अनुरोध से अवगत कराया है कि उसे एक विशेष मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाए।
बता दें कि हाफिज सईद एक पाकिस्तानी आतंकी और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का संस्थापक है और जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में हाफिज सईद शामिल रहा है।
भारत में मोस्ट वॉन्टेड है हाफिज सईद
भारत में वह मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड भी हाफिज सईद ही है। कुछ साल पहले तक हाफिज सईद पाकिस्तान में खुला घूम रहा था और अपने संगठन के लिए चंदा जुटा रहा था लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद साल 2019 में हाफिज सईद को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया और आतंक के वित्त पोषण के आरोप में उसे 15 साल जेल की सजा सुनाई गई। बीते साल भी पाकिस्तान की अदालत ने हाफिज सईद को आतंकी घटनाओं के लिए पैसे जुटाने के आरोप में 31 साल जेल की सजा सुनाई थी।
पाकिस्तान में चुनाव लड़ रही हाफिज सईद की पार्टी
अमेरिका ने भी हाफिज सईद को आतंकी घोषित किया हुआ है और उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में हाफिज सईद भले ही कथित तौर पर जेल में बंद है लेकिन पाकिस्तान में अगले साल होने वाले आम चुनाव में उसकी पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद भी लाहौर सीट से पार्टी का उम्मीदवार है। पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा की राजनीतिक शाखा है।