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पेशावर: पाकिस्तान के पेशावर हाई कोर्ट ने आतंकी ओसामा बिन लादेन का पता बताकर अमेरिकी की खुफिया एजेंसी सीआईए (सीआईए) की मदद करने वाले डॉ शकील अफरीदी को शुक्रवार (17 नवंबर) को राहत दी। कोर्ट ने शकील अहमद की पत्नी और बच्चों का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से हटान का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा- पत्नी-बच्चे देश से बाहर जा सकते हैं

कोर्ट ने ये फैसला शकील अहमद की पत्नी इमराना शकील की याचिका पर सुनाया है। दरअसल, एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में नाम होने पर होने पर शख्स पाकिस्तान छोड़कर नहीं जा सकता है। ऐसे में सूची से नाम हटने पर इमराना और उनके बच्चे पाकिस्तान से बाहर जा सकेंगे।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इमराना शकील की वकील आरिफ जेन अफरीदी ने कहा कि डॉ शकील अफरीदी की पत्नी का नाम लिस्ट में सरकार ने डाला और फिर इसे नहीं हटाया। उन्होंने कहा, ''इमराना ने कोई अपराध नहीं किया। ये कोई साबित भी नहीं कर सका है। ऐसे में इमराना और उनके बच्चे का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में कुछ रिपोर्ट के आधार पर डाला गया था।''

कोर्ट में डिप्टी अटॉर्नी जनरल ने कहा कि लिस्ट में नाम सुरक्षा एजेंसियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर डाला गया था।

जज ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान जस्टिस अब्दुल शकूर ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अधिकार नहीं है कि वो एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में किसी का नाम डाल दें। किसी ने कोई अपराध ही नही किया तो आप कैसे किसी का नाम सूची में जोड़ सकते हैं। ऐसे में ये कानून के तहत नहीं है।

डॉ शकील अफरीदी ने कैसे की थी अमेरिका की मदद

डॉ शकील अफरीदी ने फर्जी वैक्सीनेशन अभियान के जरिए ये पता लगाया था कि एबटाबाद में स्थित घर में ओसामा बिन लादेन मौजूद या नहीं। अफरीदी ने घर में लादेन के मौजूद रहने की बात अमेरिका को बताई थी। इसके बाद एबटाबाद में दो मई 2011 को एक विशेष अभियान में लादेन को यूएसए ने ढेर कर दिया था।

 

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