मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध के बाद दुनिया दो धड़ों में बंट गई है। इस युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने ही कई लोगों का विरोध झेल चुके हैं। यूक्रेन युद्ध को लेकर लिए गए कई फैसलों पर उनकी आलोचना हुई हो चुकी है। हालांकि पुतिन का विरोध करने वाले कई लोगों की रहस्यमयी तरीकों से मौत के मामले सामने आते रहे हैं। ताजा मामला पूर्व रूसी जनरल व्लादिमीर स्विरिडोव का आया है जिनकी बुधवार (15 नवंबर) को उनकी पत्नी के साथ बेड पर लाश मिली है।
क्रेमलिन ने पूर्व रूसी जनरल के निधन पर नहीं की कोई टिप्पणी
अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक ने एक सरकारी समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि पूर्व रूसी जनरल व्लादिमीर स्विरिडोव ने एयर फोर्स की ट्रेनिंग को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आलोचना की थी। अब उनका शव बुधवार को संदिग्ध अवस्था में मिला। 68 वर्षीय स्विरिडोव के साथ मिले शव को बुधवार को एक अज्ञात महिला का बताया गया था.. अब पता चला है कि वह उनकी पत्नी थीं।
मॉस्को की सिक्युरिटी सर्विसेज से जुड़ी रूसी आउटलेट बाजा और कोमर्सेंट की रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके साथ उनकी पत्नी का शव भी मिला। स्विरिडोव की मौत में हिंसा का कोई सबूत नहीं मिला है। क्रेमलिन ने पूर्व रूसी जनरल के निधन पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है।
स्विरिडोव ने पायलटों की ट्रेनिंग को लेकर 2007 में जताई थी चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के शव उनके एंडजिएव्स्की गांव स्थित घर के बेड पर एक साथ मिले। स्विरिडोव ने रूस की 6वीं वायुसेना और एयर डिफेंस फोर्स सेना की कमान संभाली थी। साल 2007 में स्विरिडोव ने रूसी पत्रिका टेक ऑफ को दिए गए एक इंटरव्यू में पुतिन की आलोचना करते हुए पायलटों की ट्रेनिंग को लेकर चिंता जाहिर की थी।
ओडिशा में एक रूसी बिजनेसमैन की भी मिली थी होटल में लाश
गौरतलब है कि स्विरिडोव से पहले भारत के ओडिशा राज्य में एक रूसी बिजनेसमैन पावेल एंतोव की भी होटल में लाश मिली थी। उन्होंने भी यूक्रेन हमलों को लेकर पुतिन का विरोध किया था। साल 2015 में रूस के नेम्तसोव का मर्डर हो गया था जोकि पूर्व सोवियत संघ के एक बड़े राजनीतिज्ञ माने जाते थे। वह डिप्टी पीएम तक बने. उनको कुछ लोग राष्ट्रपति पद का बेहतर उम्मीदवार भी मानने लगे थे लेकिन व्लादिमीर पुतिन चुनाव जीत गए थे।
पुतिन विरोधी मार्केलोव को भी अज्ञात हमलावरों ने मारी थी गोली
मानवाधिकार वकील स्टैनिस्लाव मार्केलोव का नाम भी विरोधियों में शामिल रहा है जिनकी साल 2009 में अज्ञात हमलावरों ने गोलीमार कर हत्या कर दी थी। एक नाम अनास्तासिया बाबूरोवा का भी उनकी भी हत्या कर दी गई थी। इस तरह से पुतिन के ऐसे विरोधियों की फेहरिस्त लंबी है जोकि खामोश होते गए हैं।