येरुशलम: महीनेभर से ज्यादा समय से जारी इजरायल और हमास की जंग तेज होती जा रही है। चरमपंथी संगठन हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि गाजा में इजरायली सेना ने तीन अस्पतालों को घेर लिया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. अशरफ अल-कुद्रा ने अल-शिफा अस्पताल से फोन पर बात करते हुए बताया कि हॉस्पिटल के चारों ओर इजरायली सेनाएं हैं और पास के दो अन्य अस्पताल रंतीसी और अल-नस्र इजरायली टैंकों से घिरे हुए हैं।
अस्पताल के आसपास हुए हमले: हमास
प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार (10 नवंबर) को अल-शिफा अस्पताल पर कम से कम एक प्रोजेक्टाइल हमला हुआ। अस्पताल को चालू रखने के लिए 24 घंटे से भी कम का ईंधन बचा है।
डॉ. अशरफ अल-कुद्रा ने कहा कि अल-शिफा अस्पताल के आसपास के क्षेत्र (जोकि गाजा का सबसे बड़ा इलाका है) में शुक्रवार को पांच हमले हुए, जिससे प्रसूति वार्ड और परिसर के अन्य हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उन्होंने कहा, ''अगर शिफा अस्पताल सेवा से बाहर हो जाता है तो यह गाजा सिटी के लोगों के लिए एक आपदा होगी।'' शुक्रवार को हुए हमले में अल-शिफा में कम से कम एक व्यक्ति की मौत की खबर है। हमास शासन का दावा है कि 13 लोगों ने जानें गंवाई हैं।
अस्पताल में शरण लिए हजारों लोग भागे
एक न्यूज एजेंसी ने विस्थापितों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि अल-शिफा अस्पताल में शरण लिए हजारों लोग हमलों के बाद भाग गए। अस्पताल ने करीब 80,000 लोगों को आश्रय दिया था। शुक्रवार को भागने वालों में से कुछ लोगों ने कहा कि केवल कुछ सौ गंभीर रूप से घायल मरीज और डॉक्टर ही पीछे रह गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल कर्मियों ने बताया कि रातभर कई अस्पतालों में और उनके आसपास इजरायल की ओर से हमले किए गए। गाजा के चिकित्सा अधिकारियों ने इजराइल पर शुक्रवार को चार अस्पतालों के पास हमला करने का आरोप लगाया, हालांकि इजराइल ने कहा कि कम से कम एक धमाका फिलिस्तीनी रॉकेट के असफल होने का नतीजा था।
तेज होती लड़ाई के बीच गाजा सिटी के मुख्य अस्पताल अल-शिफा के आसपास से लोगों को दक्षिण की ओर पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। इजराइल ने निकासी के लिए एक सुरक्षित गलियारा खोलने की घोषणा की थी। शुक्रवार को इस एकमात्र हाईवे पर हजारों फिलिस्तीनियों को देखा गया।
गाजा के 36 में से 20 अस्पताल हुए आउट ऑफ सर्विस: डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि गाजा में 36 अस्पतालों में से अब 20 काम नहीं कर रहे हैं, जिसमें एक बाल चिकित्सा अस्पताल भी शामिल है, जहां बच्चों को डायलिसिस और लाइफ सपोर्ट जैसी देखभाल मिल रही थी। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे है जिनके चलते शायद उन्हें सुरक्षित रूप से नहीं निकाल जा सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा की 2.3 मिलियन (23 लाख) की आबादी में से दो-तिहाई से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं।
बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 11,078 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 4,506 बच्चों और 3,027 महिलाओं ने जानें गंवाई हैं। मंत्रालय ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन बयान में कहा कि गाजा में अन्य 27,490 फिलिस्तीनी घायल हो गए हैं।
गाजा के मंत्रालय ने कहा है कि वो नागरिक और लड़ाकों की मौतों में अंतर नहीं करता है। वहीं, अन्य 2,650 लोगों के लापता होने की सूचना है। वहीं, हमास के हमलों के चलते अब तक 1,400 से ज्यादा इजरायलियों ने जानें गंवाई हैं। जमीनी हमले शुरू होने के बाद से गाजा में 41 इजरायली सैनिक मारे गए हैं।
फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ग्रुप का दावा- अस्पतालों का इस्तेमाल नहीं करते लड़ाके
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इजरायली सेना का कहना है कि हमास अल-शिफा अस्पताल का इस्तेमाल छिपने के लिए करता है और अस्पताल परिसर के नीचे सुरंगों से काम करता है। वहीं, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद समूह के उप महासचिव मोहम्मद अल-हिंदी ने शुक्रवार को बेरूत इजरायली दावे को खारिज किया और कहा कि फिलिस्तीनी लड़ाके गाजा के अस्पतालों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि अल-शिफा अस्पताल या अन्य किसी अस्पताल से एक भी गोली नहीं चलाई गई। इजरायल कुछ ही घंटों के भीतर अल-शिफा अस्पताल पहुंच सकता था। उन्होंने कहा कि जैसा कि जारी किए गए वीडियो में दिखाया गया, फिलिस्तीनी लड़ाके उत्तर में जंग के मैदान तक जाने के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं।
बता दें कि चरमपंथी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में जमीन, हवा और समुद्र के जरिये घातक हमला किया था, जिसके बाद से दोनों पक्षों के बीच जंग जारी है।