तेल अवीव (इज़रायल): इज़रायल और हमास के बीच जारी जंग का शुक्रवार को सातवां दिन है, लेकिन अमन के आसार फिलहाल कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं। इसके विपरीत, लगातार बढ़ती इज़रायली फौज से संकेत मिलता है कि फ़िलस्तीनी ग्रुप का 'सफाया' करने की ज़िद पर अड़ी इज़रायल सरकार किसी भी वक्त ज़मीनी हमला कर सकती है।
अमेरिका के शीर्ष राजनयिक एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को तेल अवीव का दौरा किया और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक बार फिर अमेरिकी समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें 'गोलियों से छलनी बच्चे' और 'सैनिकों के कटे हुए सिरों' की भयावह तस्वीरें दिखाई गई हैं। युद्ध के दौरान इज़रायल में अब तक कम से कम 22 अमेरिकी नागरिकों की मौत की पुष्टि अमेरिका कर चुका है।
इज़रायल में पिछले शनिवार को जंग शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 1,200 और ग़ाज़ा पट्टी में 1,400 लोग मारे जा चुके हैं।
इज़रायल सरकार के दावे के मुताबिक, इनके अलावा भी इज़रायली इलाके में कम से कम 1,500 हमास लडाकों की लाशें पाई गई हैं। लगभग 150 लोगों को, जिन्हें इज़रायली इलाकों से अगवा कर लाया गया था, हमास ने बंधक बना रखा है।
इज़रायल ने ग़ाज़ा को 'पूरी तरह' घेर रखा है, और पानी, ईंधन और बिजली की आपूर्ति काट दी है। फ़िलस्तीनी इलाके का इकलौता बिजली संयंत्र भी ईंधन ख़त्म हो जाने की वजह से बुधवार को बंद हो गया था। इज़रायल ने दावा किया है कि जब तक हमास सभी बंधकों को रिहा नहीं कर देता, वह ग़ाज़ा में किसी भी तरह की मदद नहीं पहुंचने देगा।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने शुक्रवार को बताया कि इज़रायली सेना द्वारा उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार, ग़ाज़ा में बसे करीब 11 लाख फिलस्तीनियों को सिर्फ़ 24 घंटे के भीतर पट्टी के दक्षिणी हिस्सों में चले जाने के लिए कहा गया है।
यूएन के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक का कहना है, "विनाशकारी और भयावह नतीजों के बिना इस तरह के स्थानांतरण को संयुक्त राष्ट्र नामुमकिन मानता है।"
अमेरिकी मीडिया में प्रकाशित ख़बरों में यह भी बताया गया है कि इज़रायल ने यूएन से भी उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी छोड़ देने के लिए कहा है।
पिछले शनिवार को हमास ने भीषण रॉकेट हमला किया था और उसके सैकड़ों लड़ाकों ने इज़रायल के सीमावर्ती कस्बों में तोड़फोड़, नागरिकों की हत्या और अगवा किया, जिन्हें ग़ाज़ा ले जाया गया। इसके बाद, ग़ाज़ा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इज़रायल ने हवाई हमले शुरू कर दिए थे, जिसके चलते आसपास के इलाके मलबे में तब्दील हो गए।
गुरुवार को इज़रायल ने पड़ोसी मुल्क सीरिया के दो मुख्य हवाई अड्डों (दमिश्क और अलेप्पो) को भी निशाना बनाया, जिसके चलते उड़ानें बंद हो गईं, और हवाई अड्डों पर कामकाज ठप हो गया। इसी दौरान, इज़रायल और लेबनान के हिज़बुल्लाह (ईरान-समर्थित) के बीच भी एक विवादित इलाके में गोलीबारी हुई है।
शनिवार को किया गया हमास का हमला यहूदी छुट्टी सिमचट तोराह के मौके पर हुई और इससे 50 साल, एक दिन पहले 1973 में अरब-इज़रायल युद्ध शुरू हुआ था। हमास के हमलों में सबसे भयानक हमला ग़ाज़ा पट्टी के निकट एक म्यूज़िक फेस्टिवल पर किया गया हमला रहा, जिसमें 270 लोगों को मार डाला गया। सुबह-सुबह किए गए हमलों से आतंक फैल जाने के चलते सैकड़ों युवा इज़रायली और विदेशी सैलानी जान बचाने के लिए भागने को विवश हो गए थे।
ग़ाज़ा पट्टी में वर्ष 2007 में हमास के सत्तासीन होने के बाद से इज़रायल और फिलस्तीनी समूह ने कई जंग लड़ी हैं। ताज़ातरीन जंग हमास के उस बयान के अगले दिन शुरू हुई, जिसमें कहा गया था, "(इज़रायली) कब्ज़े खत्म करने के लिए लोगों को हदें तय करनी होंगी।" और यह भी कहा गया था कि इज़रायल समूचे फिलस्तीन में, खासतौर से येरूशलम की पवित्र अल-अक़्सा मस्जिद पर, लगातार गुनाह कर रहा है।