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पेरिस: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यूरोप दौरे के तीसरे दिन रविवार को पेरिस की साइंसेज पो यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया। राहुल ने इस दौरान केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, "मैंने गीता पढ़ी है। उपनिषद पढ़े हैं। कई हिंदू किताबें भी पढ़ी हैं। इस आधार पर मैं कह सकता हूं कि बीजेपी जो करती है, उसमें कुछ भी हिंदूवादी नहीं है।"

राहुल गांधी ने कहा, "मैंने कभी किसी हिंदू किताब में नहीं पढ़ा और न किसी हिंदू विद्वान से सुना कि आपको उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहिए, जो आपसे कमजोर हैं। ये बीजेपी के लोग हिंदू राष्ट्रवादी नहीं हैं। उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। वे सत्ता पाने के लिए कुछ भी करते हैं।" उन्होंने कहा, "यह विचार... यह शब्द - 'हिंदू राष्ट्रवादी' एक गलत शब्द है। वे 'हिंदू राष्ट्रवादी' नहीं हैं... उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।''

कांग्रेस नेता ने कहा, "भारत में सिख समुदाय सहित 20 करोड़ लोग असहज महसूस कर रहे हैं। ये हमारे लिए शर्म की बात है। इसे ठीक करने की जरूरत है। ऐसे अल्पसंख्यक भी हैं, जो असहज महसूस करते हैं। ऐसी महिलाएं भी हैं, जो सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं।"

राहुल गांधी ने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा, "बीजेपी और आरएसएस भारत की निचली जाति, पिछड़ी जाति और इसके अलावा अल्पसंख्यकों की अभिव्यक्ति को रोकने की कोशिश कर रही हैं। मैं ऐसा भारत नहीं चाहता हूं, जहां लोगों के साथ बदसलूकी किया जाए।"

इस दौरान राहुल गांधी से पूछा गया कि भारत काफी आगे बढ़ रहा है, लेकिन वहां अब भी तमाम लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। ऐसे में देश में क्या किया जाना चाहिए? राहुल गांधी ने कहा कि लोग चाहे गरीब हों या अमीर, उन्हें इस बात का एहसास है कि भारत को क्या करना चाहिए, भारत को कहां जाना चाहिए। हमारे नेता महात्मा गांधी ने कहा था कि सबसे अहम वह आवाज है जो पंक्ति में सबसे पीछे है। उसकी आवाज सुनने वाला देश ही सफल होता है।

बीजेपी नेता ने किए वार

राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी के लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "भारत वैश्विक स्तर पर उपलब्धि हासिल कर रहा है, ये बात कुछ लोगों को शायद पसंद नहीं आ रही। लिहाजा वो 'रो' रहे हैं।" तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा- "तथ्य यह है कि राहुल गांधी सोचते हैं कि हिंदू धर्म का अभ्यास 'किताबों' के संदर्भ में किया जाता है। उनकी सोच से पता चलता है कि हमारे धर्म के बारे में उनकी समझ कितनी हल्की है।''

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