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हनोई: भारत में जी20 शिखर सम्मलेन रविवार को संपन्न हो गया। बैठक में कई देशों के प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। नेताओं के बीच तमाम मुद्दों पर सहमति के लिए द्विपक्षीय वार्ताओं का भी आयोजन किया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हुई। जी20 में हिस्सा लेने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति वियतनाम पहुंचे जहां उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं हमेशा करता हूं, मैंने मोदी के साथ मानवाधिकारों के सम्मान और एक मजबूत व समृद्ध देश के निर्माण में नागरिक संस्थाओं और स्वतंत्र प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका के महत्व को उठाया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि वह चीन को "रोकना" नहीं चाहते हैं, क्योंकि दोनों शक्तियां व्यापार, सुरक्षा और अधिकारों पर गहराते विभाजन का सामना कर रही हैं। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ हुई मुलाकात का हनोई में खुलासा करते हुए बाइडन ने कहा कि उन्होंने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में चीनी प्रधान मंत्री ली कियांग से मुलाकात की थी।

वाशिंगटन और बीजिंग में कई मुद्दों पर रहे हैं मतभेद

गौरतलब है कि हाल के दिनों में वाशिंगटन और बीजिंग कई वैश्विक मुद्दों पर आमने-सामने रहे हैं और बाइडन ने चीन पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अपनी इच्छानुसार मोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। बाइडन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभी जो चीजें चल रही हैं, उनमें से एक यह है कि चीन व्यापार और अन्य मुद्दों के संदर्भ में नियमों को बदलना चाहता है।

बताते चलें कि अमेरिका ने अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के हिस्से के रूप में साझेदारी बनाने में भारी निवेश किया है। जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ क्वाड सुरक्षा वार्ता और ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ ओकुस
समझौता शामिल है। लेकिन साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन को रोकना नहीं चाहता है, बल्कि संबंधों के लिए स्पष्ट जमीनी नियम स्थापित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि मैं चीन को नियंत्रित नहीं करना चाहता। मैं बस यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि चीन के साथ हमारा रिश्ता अच्छा हो, हर कोई जानता हो कि यह कैसा है।

भारत और अमेरिका ने जारी किया था संयक्त बयान

मोदी और बाइडन की द्विपक्षीय वार्ता के बाद शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, नेताओं ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर के साझा मूल्य हमारी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसका हमारे देश आनंद लेते हैं और ये मूल्य हमारे संबंधों को मजबूत करते हैं। बाइडन ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत में की गईं महत्वपूर्ण बैठकों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह हमारे वैश्विक नेतृत्व और उन चुनौतियों को हल करने के वास्ते हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण था जो दुनिया भर के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। समावेशी विकास और सतत विकास में निवेश करना, जलवायु संकट का समाधान करना, खाद्य सुरक्षा और शिक्षा को मजबूत करना, वैश्विक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सुरक्षा को आगे बढ़ाना इसमें शामिल हैं।

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