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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने गोपनीय दस्तावेज के गलत उपयोग को लेकर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में अटक जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछताछ की। यह बात रविवार को मीडिया में आई खबरों में कही गई। खान ने गोपनीय राजनयिक दस्तावेज के गुम होने की बात स्वीकार की।

70 वर्षीय खान इस महीने की शुरुआत में भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद वर्तमान में तीन साल कैद की सजा काट रहे हैं। उक्त दस्तावेज वही दस्तावेज था जिसका उल्लेख खान ने पिछले साल प्रधानमंत्री के पद से उन्हें हटाने के लिए अमेरिका समर्थित साजिश के सबूत के रूप में लंबे समय तक किया। खान ने अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटने से कुछ दिन पहले एक रैली में एक दस्तावेज़ लहराया था और कहा था कि यह विदेशी साजिश का सबूत है। इस मामले में खान से पूछताछ अमेरिका में देश के दूतावास से एक गोपनीय राजनयिक संदेश की सामग्री को सार्वजनिक करने को लेकर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किए जाने के कुछ दिन बाद हुई है।

मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की आतंकवाद रोधी शाखा (सीटीडब्ल्यू) ने शनिवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

‘डॉन' समाचार पत्र की खबर के अनुसार, एफआईए सूत्रों ने कहा कि एफआईए के उपनिदेशक अयाज खान के नेतृत्व में छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल ने अटक जेल के उपाधीक्षक कार्यालय में खान से एक घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।

‘द न्यूज' अखबार की खबर के अनुसार, पूछताछ के दौरान खान ने दस्तावेज गुम होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें याद नहीं आ रहा है कि उन्होंने यह कहां रख दिया।

खान ने इस बात से भी इंकार किया कि उन्होंने पिछले साल अपनी सरकार के सत्ता से हटने से कुछ दिन पहले एक जनसभा में साजिश के सबूत के तौर पर जो कागज लहराया था, वह राजनयिक दस्तावेज था।

अखबार ने खान के हवाले से कहा, ‘‘मैंने जनता के सामने जो कागज दिखाया वह कैबिनेट बैठक के विवरण थे, वह कोई राजनयिक दस्तावेज नहीं था।''

जांच एजेंसी ने जांच के बाद राजनयिक दस्तावेज के दुरुपयोग और इसके गलत इस्तेमाल में उनकी जानबूझकर संलिप्तता का पता चलने के बाद खान और पीटीआई के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव आजम खान, पूर्व योजना मंत्री असद उमर और इसमें शामिल अन्य सहयोगियों की भूमिका जांच के दौरान निर्धारित की जाएगी।

खान के करीबी सहयोगी कुरैशी को पुलिस ने 19 अगस्त को यहां उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था और शनिवार की पूछताछ के दौरान खान से कुरैशी के खुलासों के बारे में पूछताछ की गई थी।

कथित दस्तावेज में अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों और तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान के बीच एक बैठक का विवरण था। अमेरिकी अधिकारियों में दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू भी शामिल थे।

अमेरिकी मीडिया समूह ‘द इंटरसेप्ट' द्वारा गोपनीय दस्तावेज की एक कथित प्रति के प्रकाशन के बाद क्रिकेटर से नेता बने खान निशाने पर आ गए थे। वहीं, शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की पूर्ववर्ती सरकार के कई लोगों ने इसके लीक होने में भूमिका के लिए खान पर निशाना साधा था।

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