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पेरिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई (गुरुवार ) को अपने दो दिवसीय दौरे के तहत फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गए हैं। पीएम मोदी पेरिस के ला सीन म्यूजिकल में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार मेरा फ्रांस आना और भी विशेष है। कल फ्रांस का नेशनल डे है, मैं यहां की जनता को इसकी बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आई थीं और कल मैं अपने मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रा के साथ नेशनल डे परेड का हिस्सा बनूंगा। ये आत्मीयता सिर्फ दो देशों के नेताओं के बीच नहीं है बल्कि ये भारत और फ्रांस की अटूट दोस्ती का प्रतिबिंब है।

'भारत के सामर्थ्य को देख रहा है जी-20 समूह'

उन्होंने कहा कि भारत इस समय जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। पहली बार किसी देश की अध्यक्षता में ऐसा हो रहा है कि उस देश के कोने-कोने में 200 से ज्यादा बैठकें हो रही हैं। पूरा जी-20 समूह भारत के सामर्थ्य को देख रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज का ये नजारा, ये दृश्य अपने आप में अद्भुत है। ये स्वागत उल्लास से भर देने वाला है। देश से दूर जब मैं भारत माता की जय का आह्वान सुनता हूं तो ऐसा लगता है जैसे घर आ गया हूं। हम भारतीय जहां भी जाते हैं एक मिनी इंडिया जरूर बना लेते हैं।

पीएम मोदी के संबोधन की ख़ास बातें:

क्लाइमेट चेंज हो, ग्लोबल सप्लाई चेन हो, आतंकवाद हो, कट्टरवाद हो, हर चुनौती से निपटने में भारत का अनुभव, भारत का प्रयास दुनिया के लिए मददगार साबित हो रहा है।

भारत का हजारों वर्ष का पुराना इतिहास, भारत का अनुभव, विश्व कल्याण के लिए भारत के प्रयासों का दायरा बहुत बड़ा है। भारत 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' है और भारत 'मॉडल ऑफ डायवर्सिटी' भी है। यह हमारी बहुत बड़ी शक्ति है, ताकत है।

भारत में 100 से ज्यादा भाषाओं में 900 से ज्यादा न्यूज ब्रॉडकास्ट होती हैं और लगभग 400 रेडियो चैनल ब्रॉडकास्ट होते हैं।

भारत में लिखने के लिए अनेक लिपियां हैं। हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत अपनी इस महान परंपरा को आज भी जीवंत बनाए हुए हैं। भारत के स्कूलों में और अलग-अलग कोनों में लगभग 100 भाषाएं पढ़ाई जाती हैं और बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा 'तमिल भाषा' है।

दुनिया की सबसे पुरानी तमिल भाषा, भारत की भाषा है और हम भारतीयों की भाषा है... इससे ज्यादा गर्व की कोई और बात नहीं हो सकती है।

भारत 10 साल में दुनिया की 10वीं से पांचवीं बड़ी इकोनॉमी बन गया और यह गर्व सिर्फ भारतीयों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को यह विश्वास है कि भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में देर नहीं लगेगी। हाल में आई यूएन की एक रिपोर्ट आप लोगों ने जरूर देखी होगी। उस रिपोर्ट में यूएन कहता है कि सिर्फ 10-15 के भीतर ही भारत ने 415 मिलियन यानी लगभग 42 करोड़ देशवासियों को गरीबी रेखा बाहर निकाला है।

भारत 10 साल में दुनिया की 10वीं से पांचवीं बड़ी इकोनॉमी बन गया और यह गर्व सिर्फ भारतीयों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को यह विश्वास है कि भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में देर नहीं लगेगी। हाल में आई यूएन की एक रिपोर्ट आप लोगों ने जरूर देखी होगी। उस रिपोर्ट में यूएन कहता है कि सिर्फ 10-15 के भीतर ही भारत ने 415 मिलियन यानी लगभग 42 करोड़ देशवासियों को गरीबी रेखा बाहर निकाला है।

आईएमएफ का एक अध्ययन कहता है कि भारत में भीषण गरीबी अब खत्म होने की कगार पर है। भारत जब इतना बड़ा काम करता है तो इसका फायदा सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि पूरी मानवता को लाभ होता है। भारत के आगे बढ़ने से दुनिया के डेवलमेंप पैरामीटर्स बदलते हैं और उसमें सुधार आ जाता है और दुनिया के अन्य देशों को भी विश्वास आता है कि हां, हालात बदल सकते हैं और गरीबी दूर हो सकती है।

फ्रांस की यह धरती इस बात की गवाह है कि किसी भी देश में परिवर्तन के पीछे परिश्रम होता है, उस देश के नागरिकों का पसीना होता है। भारत की धरती भी आज एक बड़े परिवर्तन का गवाह बन रही है। इस परिवर्तन की कमान भारत के नागरिकों, बहन-बेटियों और युवाओं के पास है ।

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