वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के राजदूत सहित कई सांसदों ने सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों द्वारा आगजनी की घटना की निंदा की है। मिशिगन 13वें जिले, जॉर्जिया के 6वें कांग्रेस जिले और पेंसिल्वेनिया के पहले कांग्रेस जिले से क्रमशः श्री थानेदार, रिच मैककॉर्मिक और ब्रियन फिट्पेरिक ने खालिस्तानी समर्थकों द्वारा आतंक पर अपना गुस्सा जताया।
सांसदों ने कहा- हिंसा बिल्कुल स्वीकार्य नहीं
दरअसल, रविवार दो जुलाई की मध्य रात्रि करीब डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच कुछ खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगा दी थी। आग तेजी से वाणिज्य दूतावास में फैलने लगी। हालांकि, तुरंत अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। गनीमत रही थी कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। बता दें कि खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने घटना का वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया था।
कांग्रेस के श्रीथानेदार ने घटना की सख्त आलोचना की। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुई घटना की निंदा करता हूं। लोकतंत्र में हिंसा के आतंक को स्वीकारा नहीं जा सकता। वहीं, मैककॉर्मिक ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास पर हुए हमला अस्वीकार है। अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है। हम इस हमले को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
इसके अलावा, रेप फिट्जपेट्रिक ने कहा कि जो लोग भी घटना के पीछे हैं, उनपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की हिंसा कानून के खिलाफ है। आशा है कि इसमें शामिल लोगों को उचित कानूनी कार्रवाई के साथ जवाबदेह ठहराया जाएगा।
8 जुलाई को होने वाली रैली की आलोचना
भारत कॉकस के सह अध्यक्ष ने खालिस्तानियों की 8 जुलाई को होने वाली रैली की आलोचना की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता का मतलब हिंसा को बढ़ावा देना नहीं है। भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना और मिशेल वाल्ट्ज ने कहा कि हम भारत कॉकस के सह अध्यक्ष के रूप में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की घटना की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने अमेरिका सरकार से इस पर कार्रवाई करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि हम अमेरिका की हर स्वतंत्रता को स्वीकार करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी को हिंसा करने का लाइसेंस मिल गया है। लोकतंत्र के खिलाफ हिंसा घटना अपराध है और हम इसे नहीं स्वीकारेंगे। हम राज्य सरकार से जांच में सहयोग करने की मांग करते हैं।