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हेग: दक्षिणी चीन सागर (साउथ चाइना सी) में चीन के अधिकार वाले क्षेत्र को फिलीपिन्स द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र समर्थित पंचाट ने मंगलवार को अपने फैसले में साफ कहा कि चीन का इस सागर पर किसी तरह का 'कोई ऐतिहासिक अधिकार' नहीं है। दक्षिणी चीन सागर को चीन अपना 'इलाका' समझता रहा है। वहां मनमानी करता रहा है और इस इलाके का इस्‍तेमाल इस तरह करना चाहता रहा है जिससे वहां उसकी लगातार बढ़ती नौसैन्यशक्ति बिना किसी बाधा के आ-जा सके। गौरतलब है कि हेग स्थित पांच-सदस्यीय पंचाट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है, हालांकि इस फैसले को मनवाना उसके लिए मुमकिन नहीं है, और इसका पालन संबंधित पक्षों की इच्छा पर निर्भर करता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि चीन कभी अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा, और चेताया कि उनका 'देश मुसीबतों से नहीं डरता' है। हालांकि यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि चीन इस मुद्दे पर कितनी कड़ाई से प्रतिक्रिया देगा। चीन ने हेग के न्‍यायिक पंचाट के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। चीन की सरकारी मीडिया एजेंसी शिन्‍हुआ ने कहा कि चीन, हेग पंचाट के निर्णय को 'न ही स्‍वीकार करता है और न ही इसको मान्‍यता देता है।' इससे पहले चीन ने हेग के पंचाट के बारे में कहा था कि उसको दक्षिण चीन सागर के इस बहुराष्‍ट्रीय विवाद पर सुनवाई का अधिकार नहीं है।

यह उसके न्‍यायिक क्षेत्र में नहीं आता। इस वजह से उसने केस में अपना पक्ष रखने से भी इनकार कर दिया था।

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