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वॉशिंगटन: कश्मीर हिंसा पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बयान देने के बाद आज अमेरिका से भी पाकिस्तान को इस मसले पर करारा जवाब मिल गया। अमेरिका ने आज कहा कि कश्मीर भारत का एक आंतरिक मामला है और सभी पक्षों को हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में भड़के तनाव का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने कश्मीर में भारतीय बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों की खबरें देखी हैं और हम हिंसा से चिंतित हैं। हम सभी पक्षों को शांतिपूर्ण समाधान ढूंढ़ने की दिशा में काम करने को प्रोत्साहित करते हैं।’’ प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर भारत से बात नहीं की है क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने बात नहीं की है। यह भारत सरकार का आंतरिक मामला है।’’ नवाज शरीफ ने बुरहान वानी की सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत पर हैरानी जताई थी। उन्होंने वानी के मौत के विरोध में कश्मीर में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ फोर्स का इस्‍तेमाल करने पर दुख जताया था। शरीफ के कार्यालय से जारी इस वक्तव्य में कहा गया, कश्मीरी नेता बुरहान वानी समेत घाटी के अन्य नागरिकों के भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों के हाथों मारे जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गहरा सदमा पहुंचा है। शरीफ ने कहा है कि वानी की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ अत्यधिक और गैरकानूनी ढंग से बल प्रयोग किया गया है, जो निंदनीय है।

उन्होंने कहा, इस तरह के दमनकारी कदम जम्मू-कश्मीर की जनता को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों के आलोक में आत्म निर्णय के उनके अधिकारों का इस्तेमाल करने से विचलित नहीं कर सकते हैं। पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारत ने कहा कि इससे आतंकवाद से उसके लगतार जुड़ाव तथा इसे उसके द्वारा राज्य की नीति के औजार के रूप इस्तेमाल किए जाने का पता चलता है। भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह अपने पड़ोसियों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हमने भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में स्थिति पर पाकिस्तान की तरफ से आए बयान देखे हैं। इनसे आतंकवाद से पाकिस्तान के लगातार जुड़ाव तथा उसके द्वारा इसे राज्य की नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल किए जाने का पता चलता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह अपने पड़ोसियों के आतंरिक मामलों में दखल देने से परहेज करे।

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