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इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को दावा किया कि पाकिस्तान की गहन कूटनीतिक लाबिंग से भारत का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश रुका। इसमें शरीफ द्वारा अपने 17 समकक्षों को लिखे गए पत्र भी शामिल हैं। अजीज ने कहा कि एनएसजी में प्रवेश पर पाकिस्तान के रुख के बारे में विश्व के नेताओं को सूचित करने के लिए व्यस्त राजनीतिक प्रयास किये गए। अजीज ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री शरीफ ने निजी तौर पर विभिन्न देशों के 17 प्रधानमंत्रियों को इस मामले पर पत्र लिखे जो रिकार्ड में हैं।’ एनएसजी की पिछले सप्ताह आयोजित बैठक में समूह में भारत के प्रवेश पर आमसहमति नहीं बन पायी क्योंकि चीन सहित कुछ देशों ने इस पर आपत्ति जतायी कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण भारत सदस्यता के लिए पात्र नहीं है। पाकिस्तान इसे सफलता बताकर ढिंढोरा पीट रहा है लेकिन इसका शायद ही कोई उल्लेख किया गया कि उसकी स्वयं की सदस्यता के लिए उसके आवेदन का क्या हुआ। पाकिस्तान ने इस विचार को आगे बढ़ाने का प्रयास किया कि नये सदस्यों को प्रवेश देने के लिए भेदभावरहित दृष्टिकोण की जरूरत है। भारत और पाकिस्तान एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले दो देश हैं जो 48 सदस्यीय समूह की सदस्यता चाहते हैं। अजीज ने साथ ही कहा कि सुरक्षा एजेंसियां गिरफ्तार कथित भारतीय जासूस कुलभषण जाधव के खिलाफ और सबूत जुटाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि जाधव के खिलाफ विधिक कार्यवाही जल्द शुरू होगी। पाकिस्तान दावा करता है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को मार्च में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का दावा है कि वह ‘भारतीय नौसेना का सेवारत अधिकारी’ है।

उसने जाधव पर देश में ‘विध्वंसकारी गतिविधियों’ की योजना बनाने का आरोप लगाया है। भारत ने यह स्वीकार किया है कि जाधव ने नौसेना में काम किया है लेकिन इससे इनकार किया है कि उसका सरकार से कोई संबंध है।

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