इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि रणनीतिक महत्व वाले चाबहार बंदरगाह पर भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच त्रिपक्षीय गठजोड़ पाकिस्तान के लिए सुरक्षा खतरा है और सरकार को अलग-थलग पड़ने से बचने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने चाहिए। स्थानीय बौद्धिक संस्थान स्ट्रटेजिक विजन इंस्टीटयूट (एसवीआई) द्वारा कल आयोजित एक सेमिनार में दो पूर्व लेफ्टिनेंट जनरलों ने यह राय रखी, जो रक्षा सचिव भी रह चुके हैं। डॉन की खबर के अनुसार, विशेषज्ञों के विचार सैन्य महकमे की राय झलकाते हैं, जिसे बंदरगाह और व्यापार मार्ग पर गहरा संदेह है। पूर्व रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) आसिफ यासीन मलिक ने कहा, भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच गठजोड़ पाकिस्तान के लिए सुरक्षा खतरा है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि कहीं पाकिस्तान अलग-थलग तो नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा, क्षेत्रीय और वैश्विक माहौल के मद्देनजर मैं पाकिस्तान को अलगाव के रसातल में घुसते देख रहा हूं, जिसकी प्रमुख वजह उसकी खुद की गलतियां हैं और दूसरे देशों की विरोधी नीतियां भी आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नदीम लोधी ने कहा कि पड़ोस में इस तरह का भयावह गुट होने के पाकिस्तान के लिए अशुभकामरी और दूरगामी परिणाम होंगे।