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नई दिल्ली: राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) मामले में आज यानी बुधवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम परिणाम को देखते हुए राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से छूट गये लोगों को दूसरा अवसर प्रदान करने की अनुमति देते हैं। कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू होगी और अगले 60 दिन तक जारी रहेगी। विगत दिनों राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम रिपोर्ट जारी होते ही 40 लाख से ज्यादा लोग एक ही झटके में भारत की नागरिकत खो दी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा और मामले की सुनवाई प्रारंभ हुई। 

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच कर रही है। इस मामले को लेकर पूरे देश में बवाल खड़ा हो गया था। प्रतिपक्षी पार्टियों ने तो यहां तक आरोप लगा दिया था कि भाजपा की सरकार ने जान-बूझ कर लोगों के नाम एनआरसी से कटवा दिए। नागरिकता को खतरा पैदा होने के मद्देनजर असम, बंगाल से लेकर दिल्ली और संसद तक सियासी भूचाल आ गया था। एनआरसी में 2.89 करोड़ लोगों का नाम शामिल हैं और इसमें शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था।

एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय महापंजीयक शैलेश ने घोषणा की थी कि एनआरसी में कुल 3,29,91,384 आवेदकों में से अंतिम मसौदे में शामिल करने के लिए 2,89,83,677 लोगों को योग्य पाए गए हैं। इस दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गयी थी।

याचिका दाखिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था। इसी क्रम में असम सरकार को भी नोटिस भेजा गया था। आज कोर्ट ने इस मामले में एक बार फिर से सुनवाई की जिसमें असम सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हम नागरिकता साबित करने के लिए एक और मौका देंगे।

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