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गुवाहाटी: केंद्र की एनडीए सरकार को आज (शुक्रवार) तीन साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में मौजूद हैं। पीएम मोदी ने आज चीन सीमा के नजदीक ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे धौला-सादिया पुल को देश को समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसका उद्घाटन किया। देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने असम के तिनसुकिया में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अनेक वर्षों से जिसकी प्रतीक्षा कर रहे थे, उस पुल की शुरुआत हो गई है। मोदी ने कहा कि आज उत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि अरुणाचल के अदरक किसानों के लिए ये पुल नया रास्ता खोलेगा, पुल के माध्यम से अदरक का ग्लोबल मार्केट तैयार हो सकता है। इस पुल से रोजाना करीब 10 लाख रुपयों की बचत होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये पुल दो राज्यों के बीच विकास की कड़ी बनेगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आज 26 मई को सत्ता में अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मोदी सरकार ने देश को सबसे लंबे पुल के रूप में तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दशक से आप जिसका इंतजार कर रहे थे वो ब्रिज आपको मिल गया है। पीएम मोदी बोले की इससे समय और खर्च में बचत होगी। डीजत की बचत होने से रोजाना सामान्य नागरिकों का 10 लाख रुपये बच सकेंगे।

इस बीच पीएम मोदी ने इस लंबे पुल को नाम भी दे दिया। उन्होंने कहा कि महापुरुष भूपेन हजारिका के नाम से ढोला-सादिया पुल पहचाना जाएगा। पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर देश में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार होती तो ये तोहफा देश को पिछले 10 साल पहले ही मिल गया होता। पीएम मोदी ने एलान किया कि धौला सादिया पुल का नाम भूपेन हजारिका के नाम पर होगा। भूपेन हजारिका बह्मपुत्र के लाल थे उनके नाम पर ही इस पुल का नाम होगा। ये पुल चीन की सीमा से करीब 100 किमी दूर है। पुल के बनने से भारतीय सेना की चीन की सीमा तक करीब चार घंटे जल्दी पहुंच सकती है। प्रधानमंत्री बोले कि ये पुल आसाम ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। पूर्वोत्तर को देश के हर कोने से जोड़ेंगे। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पुल पर सफर कर इसका जायजा लिया। असम से अरुणाचल को जोड़ने वाला यह पुल 9.15 किलोमीटर लंबा है। इससे पहले गुवाहाटी पहुंचने के बाद हवाई अड्डे पर ही असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने पीएम मोदी को फुल का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। वहीं कुछ अन्य बड़े मंत्री व नेता वहां मौजूद थे। मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को उनकी सरकार के एक साल पूरा होने पर बधाई भी दी। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जबरदस्त जीत दिलाने के बाद उस साल 26 मई को मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री मोदी असम से ही तीसरी सालगिरह पर राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए सादिया जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए गए 9.15 किलोमीटर लंबे पुल का भी उद्घाटन किया। यह भारत का सबसे लंबा पुल है। यह पुल दो राज्‍यों असम और अरुणाचल प्रदेश को आपस में जोड़ेगा। इस पुल पर भारी से भारी सामान ले जाना भी संभव होगा। सामरिक तौर पर भारत को लगातार घेरने की पूरी कोशिश कर रहे चीन के लये करारा जवाब है। आपको बता दें कि चीन लगातार सीमा से सटे इलाकों में तेज़ी से सड़कें और अन्य निर्माण कर रहा है यह पुल उसके पलटवार माना जा रहा है। यह पुल 60 टन वजनी युद्धक टैंक का भार भी वहन करने में सक्षम है। यह पुल चीनी सीमा से हवाई दूरी 100 किलोमीटर से कम है। ब्रहमपुत्र नदी पर बने 9.15 किलोमीटर लंबे धोला-सादिया पुल के उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री असम के पूर्वी हिस्से से राजग सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न आरंभ करेंगे। इस पुल को चीन भारत सीमा पर, खास तौर पर पूर्वोत्तर में भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा यह पुल अरुणाचल प्रदेश और असम के लोगों के लिए हवाई और रेल संपर्क के अलावा सड़क संपर्क भी आसान बनाएगा। यह मुंबई में बांद्रा-वर्ली समुद्र संपर्क पुल से 3.55 किलोमीटर लंबा है और इस प्रकार यह भारत का सबसे लंबा पुल है। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री सामरिक रूप से अहम इस पुल को आज देश को समर्पित करेंगे। यह पूर्वोत्तर में सड़क संपर्क को भी आसान बनाएगा क्योंकि रक्षा बलों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने के अलावा पुल का उपयोग असम और अरुणाचल प्रदेश के लोग भी करेंगे। पुल का निर्माण साल 2011 में शुरू हुआ था और परियोजना की लागत 950 करोड़ रुपये थी। इस का डिजाइन इस तरह बनाया गया है कि पुल सैन्य टैंकों का भार सहन कर सके। सोनोवाल ने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश का देश के लिए अत्यंत सामरिक महत्व है। पुल चीन के साथ हमारी सीमा के करीब है लिहाजा टकराव के समय यह सैनिकों और तोपों की तेजी से आवाजाही में मदद करेगा। पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किलोमीटर दूर और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से 300 किलोमीटर दूर है। चीनी सीमा से हवाई दूरी 100 किलोमीटर से कम है। सोनोवाल ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद से पुल के निर्माण में तेजी लाई गई। पुल का उद्घाटन 2015 में होना था। असम में भाजपा सरकार 24 मई को अपना एक साल पूरा कर रही है।

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