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भुवनेश्वर: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज यानी शुक्रवार को ओडिशा दौरे पर हैं। भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा और लोकतांत्रिक संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आरएसएस यानी संघ के इशारे पर संस्थाओं को बर्बाद कर रही है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि बीते साढ़े चार सालों में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं किया।

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और संघ ने अभी तक जो मुझे गालियां दी हैं, उससे मुझे काफी फायदा हुआ है। मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, मगर उनकी और मेरी विचारधारा अलग है, मैं उनसे लड़ता रहूंगा। राहुल ने कहा कि आप मुझसे कितनी भी नफरत करें, लेकिन मैं आपसे प्यार से ही बात करूंगा। राहुल गांधी से एक सवाल पूछा गया कि आपने लोकतांत्रिक संस्थानों को सरकार द्वारा बर्बाद करने की बात कही थी, तो इस पर राहुल गांधी ने जवाब में कहा कि अभी देश में सिर्फ एक ही संस्थान है जिसे आरएसएस कहते हैं। यह भाजपा की मां है। यह देश के अन्य सभी संस्थान पर हावी है। कांग्रेस यह नहीं मानती कि संस्थान को स्वतंत्र नहीं छोडना चाहिए।

राहुल ने कहा, हमें लगता है हर संस्थान की अपनी पहचान है और उसे इतनी स्वतंत्रता होनी चाहिए, जिससे वह देश और अपनी बेहतरी के लिए बेहतर काम कर पाए। लेकिन भाजपा का माइंडसेट अलग है। वे सभी पर अपनी दादागिरी साबित करना चाहते हैं। वह लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ जो हो रहा है वह सब आरएसएस के इशारे पर हो रहा है।

राहुल से एक और सवाल किया गया कि 'मैंने आपके पिता के साथ भी काम किया, जो भी सरकार में रहती है वह मध्यमवर्ग को दरकिनार करती है। आप क्या करेंगे मध्यमवर्ग के लिए अगर आप सत्ता में आते हैं।' इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी पार्टियां मध्यम वर्ग को नजरअंदाज करते हैं। हमारी पार्टी ने अपने शासन काल में सबसे ज्यादा काम मध्यमवर्ग के लिए किया। मैं आपको बताना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी मध्यम वर्ग के लिए जो करना चाहती है वह है- एजुकेशन सिस्टम पर किसी की दादागिरी को खत्म करना जरूरी है, इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में भी किसी एक की दादागिरी खत्म करने की जरूरत।'

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हालात बनाने की जरूरत है जिसमें मध्यमवर्ग के लोग भी अपने बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा दिला सकें। आईआईटी की तरह सार्वजनिक क्षेत्र में और नए संस्थान खोलने की जरूरत है। हमें आईआईटी जैसे संस्थान को 21वीं सदी के अनुसार ढालने की जरूरत है। हमें मध्यम वर्ग के लिए ज्यादा से ज्यादा नौकरी पैदा करने की जरूरत है। ताकि उनकी क्रय क्षमता बढ़े। आरटीआई और लोकपाल जैसे कानून को और ताकत देने की जरूरत है। यह मध्यम वर्ग के लिए हथियार की तरह है। मध्यमवर्ग को सुरक्षा और उनके विकास के लिए काम किए बगैर देश की तरक्की नहीं हो सकती है।

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