भुवनेश्वर: ओडिशा में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना और पूर्व विधायक कृष्ण चंद्र सगारिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया गया है। इसकी घोषणा ओडिशा कांग्रेस की अनुशासन समिति के संयोजक अनंत प्रसाद सेठी ने शनिवार देर रात की। सेठी ने बयान में कहा, 'ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की मंजूरी के मुताबिक जेना और सगारिया दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया है।' सेठी ने साथ ही कहा कि उन्होंने मीडिया में पार्टी विरोधी बयान दिया, जिससे कांग्रेस को नुकसान हुआ है। दोनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, 'उन्होंने ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ भी बयान दिया था।'
जेना यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं, वहीं दलित नेता सगारिया राज्य विधानसभा में कोरापुट से विधायक रहे हैं। सगारिया ने पिछले साल नवंबर में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके क्षेत्र के एक रेप और हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को न्याय नहीं दिया गया। सगारिया ने हालही में ओडिशा ओपीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक की आलोचना की थी।
सगारिया ने कहा था, 'कांग्रेस निरंजन पटनायक की जागीर नहीं है। 'किसको टिकट मिलेगा, किसको नहीं' बयान मीडिया में देकर वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।'
बता दें, हालही में ओडिशा में कांग्रेस के निलंबित विधायक जोगेश सिंह ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ओडिशा विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा देने का एलान किया है। सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों और जनता के बीच पार्टी की छवि खराब करने के आरोप में गुरुवार को निलंबित कर दिया गया था। सुंदरगढ़ से विधायक सिंह का इस्तीफा पार्टी के एक और विधायक नाबा किशोर दास के इस्तीफे के दो दिन बाद आया है। दो विधायकों के इस्तीफे को विपक्षी कांग्रेस के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है। दो बार विधायक रहे चुके सिंह ने खुद को निलंबित किये जाने की वजहों पर सवाल उठाते हुए अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है।
राहुल गांधी का 25 जनवरी को ओडिशा के दौरे पर जाने का कार्यक्रम है। उन्होंने अपने इस्तीफे की एक प्रति ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक और कांग्रेस महासचिव और ओडिशा प्रभारी जितेंद्र सिंह और सचिव मस्तान वली को भी भेजी है। राहुल गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, मैंने नैतिक आधार पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ओडिशा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लिखा, 'मैं खुद को पार्टी से निलंबित किये जाने की वजहों से संतुष्ट नहीं हूं। मैं बिना कारण बताओ नोटिस दिये और स्पष्टीकरण मांगे बगैर पार्टी से निलंबित करने के कांग्रेस की अनुशासन समिति के फैसले से पूरी तरह स्तब्ध हूं।'