नई दिल्ली: कर्नाटक में हिजाब बनाम भगवास्कार्फ विवाद के बीच दो कॉलेजों ने किसी भी सांप्रदायिक परेशानी से बचने के लिए आज छुट्टी घोषित कर दी है, जबकि एक कॉलेज ने हिजाब पहनी हुई छात्राओं के अलग कक्षाओं में बैठने की अनुमति दी। गेट के बाहर हिजाब पहनने वाले छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को लेकर उडुपी जिले के कुंडापुर में सरकारी जूनियर पीयू कॉलेज ने सुबह युवतियों को परिसर में आने की अनुमति तो दे दी, लेकिन उन्हें इस पूरे विवादस्वरूप बिना पढ़ाए अलग कक्षा में बिठा दिया गया। कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि यह गेट के बाहर भीड़ हटाने के लिए ये किया गया।
प्रिंसिपल रामकृष्ण जीजे ने जोर देकर कहा कि छात्र हिजाब हटाने के बाद ही कक्षाओं में भाग ले सकते हैं, लेकिन महिलाएं इस बात पर अड़ी रहीं कि वे क्लास में अपना हिजाब नहीं उतारेंगी। वहीं कलावारा वरदराज एम शेट्टी गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज कुंडापुर में हिजाब में छात्राओं को घर भेज दिया गया। वाइस प्रिंसिपल उषा देवी ने कहा कि हमने छात्राओं को घर वापस भेज दिया। हमने उन्हें हिजाब के बिना कक्षाओं में प्रवेश करने की सलाह दी थी।
उन्होंने मना कर दिया इसलिए उन्हें जाने के लिए कहा। हमने उनसे हाईकोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया है।"
बता दें कि कर्नाटक के विजयपुरा जिले के दो अन्य कॉलेजों, शांतेश्वर पीयू और जीआरबी कॉलेज में कई छात्रों ने अपने हिजाब पहनने वाली साथी छात्राओं के विरोध में भगवा स्कार्फ पहनकर प्रवेश किया। प्रिंसिपल ने छात्राओं से कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच महिलाओं द्वारा हिजाब प्रतिबंध पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कि राज्यभर में यह विवादास्पद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है, मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए वर्दी को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया है। राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर महाविद्यालयों में कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं।