ताज़ा खबरें
अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मिले शहीद का दर्जा: तेजस्वी यादव
'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

तिरुवनंतपुरम: केरल की पिनराई विजयन सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। सत्र में मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने अपना पूरा समर्थन दिया। 

सीएम ने कहा- किसानों की चिंता होनी चाहिए दूर

विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की वास्तविक चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए और केंद्र को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। इससे पहले प्रस्ताव पेश करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, 'वर्तमान स्थिति यह स्पष्ट करती है कि यदि किसानों का आंदोलन जारी रहा, तो यह केरल को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अगर अन्य राज्यों से खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बंद हो जाती है तो केरल में भुखमरी हो जाएगी।'

प्रस्ताव में कहा गया है कि देश एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है और आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ा होना राज्य सरकार का कर्तव्य है।

तिरुवनंतपुरम: देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विधानसभा में केंद्र के लाए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। कृषि बिल के खिलाफ राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस दौरान विजयन ने कहा कि मौजूदा स्थिति से यह साफ है कि अगर आंदोलन जारी रहा तो यह केरल पर गंभीर असर करेगा। इसमें कोई शक नहीं कि अगर दूसरे राज्यों से खाद्य सामग्रियों की सप्लाई बंद हो गई तो केरल भूखा रहेगा। बता दें कि इस प्रस्ताव को लाने का मतलब यह है कि केरल में नए कृषि कानून लागू नहीं होंगे। 

राज्यपाल ने एक दिन के विशेष सत्र को दी थी मंजूरी

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बीते सोमवार को ही तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों पर चर्चा करने और उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए 31 दिसंबर को एक दिन के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी। कुछ दिन पहले माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने का एक नया प्रस्ताव भेजा था क्योंकि उससे पहले राज्यपाल ने ऐसी ही सिफारिश खारिज कर दी थी।

कोच्चि: केरल की एक अदालत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी एम शिवशंकर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। उल्लेखनीय है कि शिवशंकर केरल में राजनयिक चैनल के माध्यम से सोने की तस्करी के मामले में आरोपी हैं। एर्नाकुलम की आर्थिक अपराध अदालत ने शिवशंकर की जमानत याचिका खारिज कर दी। सीमा शुल्क (रोकथाम) आयुक्तालय के विशेष अभियोजक ने दलील दी कि जमानत मिलने के बाद याचिकाकर्ता साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) ने फैसले में कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस अपराध की अप्रत्याशित प्रवृत्ति पर विचार करते हुए, (ऐसा प्रतीत होता है कि) जांच को प्रभावित करने के लिए शिवशंकर द्वारा बड़ी मछलियों की मदद लेने की संभावना है, जिनके साथ याचिकाकर्ता के करीबी संबंध हैं।' शिवशंकर को 24 नवंबर को सीमा शुल्क विभाग ने सोने की तस्करी के सिलिसले में गिरफ्तार कर लिया था। विभाग ने इस मामले में करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें स्वप्ना सुरेश, सरित पीएस और संदीप नायर शामिल हैं।

सबरीमाला: वार्षिक तीर्थयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए बुधवार की शाम को भगवान अय्यप्पा मंदिर को मकरविलक्कू उत्सव के लिए खोल दिया गया। हालांकि मंदिर के मुख्य पुजारी कोविड-19 के तीन मरीजों के संपर्क में आने के बाद पृथक-वास में चले गए हैं। मकरविलक्कू उत्सव 14 जनवरी को पड़ेगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा।

मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्व ओम बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि हालांकि मंदिर के कपाट बुधवार शाम पांच बजे से ही खोल दिए गए, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति गुरुवार की सुबह से मिलेगी। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, 'मेल्संती' (मुख्य पुजारी) वीके जयराजन पोट्टी मंगलवार से स्व पृथक-वास में चले गए हैं।

उन्होंने बताया, 'उनके करीबी संपर्क वालों में से तीन लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वह सबरीमला में ही पृथक-वास में हैं। फिलहाल मंदिर की दैनिक पूजा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।'

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख