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अहमदाबादः गुजरात हाई कोर्ट के एक जज ने खुद को राहुल गांधी की सूरत सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से अलग कर लिया है। राहुल गांधी के वकील पीएस चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के सामने मोदी सरनेम वाले मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। लेकिन उन्होंने सुनवाई के दौरान ही कहा, “मेरे सामने नहीं।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले पर राहुल गांधी के वकील चंपानेरी ने कहा कि अदालत ने पहले उन्हें मामले को बुधवार (26 अप्रैल) को प्रेजेंट करने के लिए कहा था। लेकिन जब ये सुनवाई के लिए आया तो अदालत ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने आगे कहा कि अब मामले को किसी अन्य अदालत में रखने के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को एक नोट भेजा जाएगा।

राहुल गांधी के वकील ने आगे कहा, “मामले को न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत में ले जाने का अनुरोध किया गया था क्योंकि उनकी अदालत आपराधिक पुनरीक्षण के विषय से संबंधित है।” ये घटनाक्रम राहुल गांधी की ओर से हाईकोर्ट में अपील दायर करने के एक दिन बाद सामने आया है।

सूरत में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि से निपटने) के तहत बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी के दायर 2019 के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।

फैसले के बाद, 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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