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श्रीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी हितेश पंड्या ने अपने बेटे के "प्रधानमंत्री कार्यालय" की एक नकली 'आधिकारिक' टीम का हिस्सा होने के बड़े विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया है। हितेश पांड्या के बेटे अमित पांड्या पर आरोप है कि उसने ठग किरण भाई पटेल साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा तंत्र को बरगलाकर जेड-प्लस सुरक्षा, पांच सितारा होटल में आधिकारिक आवास के साथ और भी बहुत से लाभ लिए।

गुजरात भाजपा में सोशल मीडिया का प्रभारी था

आपको बता दें कि हितेश पंड्या 2001 से गुजरात के मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने कल देर शाम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने त्याग पत्र में, हितेश पंड्या ने कथित तौर पर कहा है कि वह नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री कार्यालय और गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय की छवि धूमिल हो, भले ही उनका बेटा "निर्दोष" है। हितेश पांड्या ने इस्तीफे पत्र में कहा, "मेरा बेटा निर्दोष है। हालांकि, मैं नहीं चाहता कि सीएमओ और पीएमओ की छवि खराब हो और इसलिए मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं।"

गुजरात भाजपा ने कथित तौर पर अमित पंड्या को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। वह गुजरात में उत्तर क्षेत्र के लिए पार्टी के सोशल मीडिया विभाग का प्रभारी था।

मुझे अपने बेटे पर भरोसा...

हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नकली पीएमओ टीम मामले में आरोपी के रूप में अमित पंड्या का नाम नहीं लिया है। इसके बजाय अमित और उसके गुजराती साथी जय सीतापारा को मामले में गवाह बनाया गया है। पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में चार महीने से अधिक समय तक आधिकारिक प्रोटोकॉल का आनंद लेने के बाद ठग किरण भाई पटेल को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अमित और जय सीतापारा को पुलिस ने छोड़ दिया था।

दोनों को पिछले हफ्ते पूछताछ के लिए वापस बुलाया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि दोनों ठग के 'जाल' में फंस गए हों। ठग ने नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकियों समेत कई जगहों का दौरा किया था। नकली टीम ने कश्मीर के विभिन्न जिलों में अधिकारियों के साथ बैठकें कीं, इससे पहले कि पुलिस को पता चलता कि वह ठग है। इससे पहले, हितेश पांड्या ने मीडिया से कहा कि उनका बेटा निर्दोष है, और वह कभी भी इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं होगा। हितेश पांड्या ने कहा, "मुझे अपने बेटे पर भरोसा है। वह कभी भी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा।"

15 मार्च को पता चला

प्रधानमंत्री कार्यालय में रणनीति और अभियानों के लिए एक अतिरिक्त निदेशक होने का दावा करने वाले ठग किरण भाई पटेल को 2 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी को पुलिस ने दो हफ्ते तक गुप्त रखा था। 'हाई प्रोफाइल' गिरफ्तारी का विवरण तब सामने आया, जब एक मजिस्ट्रेट ने उसे 15 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सूत्रों का कहना है कि अमित पंड्या, गुजरात के जय सीतापारा और राजस्थान के त्रिलोक सिंह भी श्रीनगर के एक पांच सितारा होटल में ठग किरण भाई पटेल के साथ रहे थे और खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय की एक आधिकारिक टीम का हिस्सा बताते थे।

किरण भाई पटेल ट्विटर पर भी सत्यापित

पीएमओ की यह नकली टीम पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर का दौरा कर रही है। सूत्रों का कहना है कि एक आईएएस अधिकारी (जो दक्षिण कश्मीर में जिला मजिस्ट्रेट हैं) ने शुरू में पुलिस की सुरक्षा शाखा को "वरिष्ठ पीएमओ अधिकारी" के दौरे के बारे में सूचित किया था। इसी के बाद उन्हें सुरक्षा विंग द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी गई और स्थानीय पुलिस भी इनके साथ अक्टूबर से अब तक कई यात्राओं के दौरान साथ रही। किरण भाई पटेल ट्विटर पर भी सत्यापित है और उसके एक हजार से अधिक फॉलोवर हैं। इनमें भाजपा गुजरात के महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला भी शामिल हैं। किरण भाई ने अर्धसैनिक गार्डों से घिरे कश्मीर में अपनी 'आधिकारिक यात्राओं' के कई वीडियो और तस्वीरें साझा कीं थीं। जिनमें से आखिरी 2 मार्च को थी।

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