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मोरबी: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को केबल ब्रिज के टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। बुधवार को मोरबी कोर्ट ने इस मामले में 4 आरोपियों को 5 नवंबर यानी शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है, जबकि अन्य 5 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस हिरासत में 4 व्यक्तियों में से 2 ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं और अन्य दो निर्माण कार्य ठेकेदार के लोग हैं।

पुलिस ने 9 आरोपियों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उनमें ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क के साथ दो ठेकेदार और तीन सुरक्षा गार्ड शामिल थे।

अभियोजन पक्ष ने फोरेंसिंक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि केबल ब्रिज की मरम्मत करने वाले ठेकेदार यह काम करने के योग्य नहीं थे। अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि केवल पुल के फर्श को बदला गया था, जबकि इसके केबल को जस का तस रहने दिया गया। केबल बदले हुई फर्श का भार नहीं सह सका, जिसकी वजह से 135 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

घायलों से मिले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मोरबी पहुंचकर दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान वे अस्पताल भी पहुंचे और हादसे में घायल लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने इसके बाद एक उच्चस्तरीय बैठक में विशेष जांच समिति को निष्पक्ष एवं तटस्थ जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच में कोई नेता या अधिकारी हस्तक्षेप न करे।

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