नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद मैट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण और सूरत मैट्रो रेल परियोजना की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के दो प्रमुख आर्थिक केन्द्रों--सूरत और अहमदाबाद को उत्तरायण के ठीक बाद 17 हजार करोड़ रुपये का उपहार मिला है। उन्होंने कहा कि केवडि़या को रेल संपर्क से जोड़ने और सूरत तथा अहमदाबाद में मेट्रो जैसी परियोजनाओं से इन क्षेत्रों का और विकास होगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर अमल से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के बावजूद देश के बुनियादी ढांचे के विकास का काम रुका नहीं है। उन्होंने कहा कि इन दो मेट्रो परियोजनाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें जनता की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मेट्रो परियोजनाओं पर समन्वित परिवहन प्रणाली दृष्टिकोण से अमल कर रही है और इनके विकास में परिवहन के अन्य साधनों के साथ तालमेल कायम करने का भी ध्यान रखा जा रहा है।
मोदी ने कहा कि 2014 से पहले देश में 10-12 साल से केवल 225 किलोमीटर लंबी मैट्रो लाइनें चालू थीं। लेकिन पिछले 6 वर्षों में साढ़े चार सौ किलोमीटर से अधिक लंबे मैट्रो नेटवर्क पर ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इसके अलावा देश भर में एक हजार किलोमीटर लंबे मैट्रो नेटवर्क का निर्माण कार्य जारी है। सूरत और अहमदाबाद में हो रहे तेज आर्थिक विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इन दो शहरों को आत्मनिर्भर भारत का शक्ति केन्द्र बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत शहर इस समय सबसे तेजी से विकसित हो रहा दुनिया का चौथा शहर है। इसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले यहां की 20 प्रतिशत आबादी शहरी झुग्गी बस्तियों में रहती थी। लेकिन किफायती आवास सुविधा उपलब्ध हो जाने से झुग्गी बस्तियों में रहने वालों की संख्या घट कर 6 प्रतिशत रह गयी है। श्री मोदी ने कहा कि अहमदाबाद भारत का पहला धरोहर शहर है। इसे भी साबरमती रिवर फ्रंट, कांकरिया लेक फ्रंट और बीआरटीएस जैसी विकास परियोजनाएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरी आर्थिक केन्द्रों के बुलेट ट्रेन परियोजना के जरिये देश की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई से जुड़ जाने से इन शहरों के विकास को और भी बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि कभी गांधीनगर को सरकारी कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों का शहर माना जाता था। लेकिन आज कई महत्वपूर्ण शिक्षा और टैक्नोलॉजी संस्थानों की बदौलत यह शहर देश की नई पीढ़ी के निर्माण में लगा है।
गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवब्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित अनेक गण्यमान्य लोगों ने समारोह में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर शाह ने कहा कि आज का दिन अहमदाबाद और सूरत के लोगों के लिए एतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि इन शहरों में मैट्रो परियोजनाओं से पर्यावरण में सुधार होगा और जनता का सार्वजनिक परिवहन का खर्च कम होगा।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा गुजरात के लोगों के कल्याण के बारे में सोचते हैं। उन्होंने कहा कि राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं, सी-प्लेन सेवा और केवडि़या को रेल सम्पर्क से देश के विभिन्न भागों से जोड़ने की परियोजनाओं से गुजरात की अर्थव्यवस्था को जबर्दस्त बढ़ावा मिलेगा।
सूरत और अहमदाबाद की मैट्रो परियोजनाओं से दोनों शहरों को पर्यावरण के अनुकूल तेज रफ्तार, जन परिवहन प्रणाली उपलब्ध हो जाएगी। अहमदाबाद मैट्रो रेल परियोजना का दूसरा चरण करीब 28 किलोमीटर लंबा होगा और इसके दो गलियारे होंगे। इस परियोजना की अनुमानित लागत पांच हजार 384 करोड़ रूपये आंकी गई है। दूसरे चरण के पहले गलियारे की लम्बाई 22 किलोमीटर से अधिक होगी और यह मोटेरा स्टेडियम को महात्मा मंदिर से जोड़ेगा। इसका निर्माण जमीन से ऊपर किया जाएगा। इसमें बीस मैट्रो स्टेशन होंगे और भविष्य में सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए कोटेश्वर रोड़ स्टेशन पर इन्टरचेंज की सुविधा होगी। दूसरे गलियारे की लम्बाई करीब पांच किलोमीटर होगी और इस पर दो स्टेशन होंगे। इस गलियारे में साबरमती नदी पर पुल और गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय-जीएनएलयू स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होगी।
सूरत मैट्रो रेल परियोजना के पहले चरण के अंतर्गत दो गलियारों वाले कुल 40 किलोमीटर से अधिक मैट्रो रेल मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इसके पहले गलियारे की लंबाई करीब 21 किलोमीटर और दूसरे गलियारे की 18 किलोमीटर से अधिक होगी। पहला गलियारा सरथाना को ड्रीम सिटी से जोड़ेगा और इसमें छह भूमिगत तथा 14 जमीन से ऊपर स्थित स्टेशन होंगे और ड्रीम सिटी में इसका डिपो भी बनाया जाएगा। दूसरा गलियारा भेसान को सरौली से जोड़ेगा और इसमें 18 स्टेशन होंगे। सूरत मैट्रो रेल परियोजना की लागत 12 हजार 20 करोड़ रूपये आंकी गई है।