अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) की नाराजगी से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ इतना आगे बढ़ने के बाद पीछे नहीं हटना चाहिए था। इससे पाटीदारों में गलत संदेश जाएगा।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ बातचीत चल रही है। विवाद जल्द खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विकल्प खुले हुए हैं। कांग्रेस पाटीदार अनामत आंदोलन समिति से जुड़े लोगों को पूरा सम्मान देगी। अभी कांग्रेस ने समिति से जुड़े दो लोगों को टिकट दिए हैं। विवाद खत्म करने के लिए पीएएएस को कुछ और टिकट दिए जा सकते हैं।
कांग्रेस में कई नेता मानते हैं कि टिकटों को लेकर इस पूरे विवाद से पाटीदारों का कांग्रेस पर भरोसा कम हुआ है। पाटीदार अमूमन चुनावों में भाजपा समर्थन करते रहे हैं। आरक्षण पर नाराजगी के चलते इस बार कांग्रेस सेंध लगा सकती थी। पर इस विवाद ने समर्थन में बनते हुए माहौल को बिगाड़ दिया है।
हार्दिक पटेल ने टिकट प्राप्त अपने नेताओं से नामांकन नहीं करने को कहा और सोमवार को कांग्रेस के प्रति समर्थन जाहिर करनेवाली अपनी राजकोट रैली को भी रद्द कर दिया। हालांकि एक सदस्य ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
पार्टी में एक बड़े तबके की राय है कि इससे हार्दिक पटेल की छवि खराब हुई है। समर्थकों को उम्मीद के मुताबिक टिकट नहीं मिलने से हार्दिक पटेल नाराज हो सकते हैं। पर वह अब चाहकर भी कांग्रेस का विरोध नहीं कर पाएंगे। इस बीच, पूरी रणनीति के तहत कांग्रेस ने हर तीसरा उम्मीदवार पटेल उतारा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 25 नवंबर को अहमदाबाद में रोड शो और रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है। पार्टी रणनीतिकारों की कोशिश है कि कार्यक्रम से पहले पाटीदारों के साथ विवाद पूरी तरह खत्म हो जाए। ताकि, चुनाव प्रचार रणनीति को अंतिम रूप देते हुए प्रचार को और तेज किया जा सके।
क्या है विवाद
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति अपने समर्थकों के लिए कांग्रेस से करीब एक दर्जन सीट पर टिकट मांगे हैं। पर कांग्रेस ने पहली सूची में पीएएएस से जुड़े सिर्फ दो पाटीदारों को टिकट दिया है। इनमें ललित वसोया और नीलेश कुंबानी हैं।