अहमदाबाद: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में त्रुटियां बताते हुए और इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि देशवासियों का यह मांग करना उचित होगा कि जेटली उन्हें हुई कठिनाइयों के लिए पद छोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि जेटली गुजरात की जनता पर बोझ लगते हैं। जेटली गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं।
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना कर रहे सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह आरोप भी लगाया कि सभी पहलुओं पर विचार किये बिना जीएसटी को लागू कर दिया गया। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री सिन्हा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को नोटबंदी और जीएसटी के रूप में एक के बाद एक दो झटके लगे।
सिन्हा को ‘लोकशाही बचाओ आंदोलन’ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी तथा जीएसटी के प्रभाव और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के बारे में विचार व्यक्त करने के लिए गुजरात आमंत्रित किया था।
सिन्हा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हमारे वित्त मंत्री गुजरात से नहीं हैं और वह यहां से राज्यसभा में चुने गये हैं। वह गुजरात की जनता पर बोझ हैं। अगर उन्हें यहां से नहीं चुना जाता तो एक गुजराती को मौका मिलता।’’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री केवल एक व्यवस्था में विश्वास करते हैं कि ‘‘चित्त भी मेरी, पट्ट भी मेरी’’।
सिन्हा ने कहा कि अगर जीएसटी की दरें तय करते समय उचित तरीके से ध्यान दिया जाता तो इस तरह की विसंगतियां और अराजकता से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा, ‘‘वह देश में गहराई तक दोषपूर्ण कर प्रणाली लागू करने का श्रेय नहीं ले सकते और इस देश की जनता को भलीभांति इस मांग को उठाने का अधिकार है कि उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए।’’
जेटली ने कुछ दिन पहले कहा था कि सिन्हा 80 साल की उम्र में काम की तलाश कर रहे हैं। इस पर सिन्हा ने कहा कि वह अब भी तंदुरुस्त हैं और उन लोगों की तरह नहीं हैं जो बैठकर भाषण देते हैं। उनका इशारा संसद में बजट भाषण के बीच में जेटली के बैठ जाने की तरफ था। उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोगों ने उनके और उनके बेटे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।