रायपुर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की महात्मा गांधी संबंधी टिप्पणी पर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उनकी निन्दा की है। शाह ने शुक्रवार शाम रायपुर के मेडिकल कालेज आडिटोरियम में प्रबुद्धजनों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए संबंधित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की स्थापना हुई तब उसमें सभी विचारधाराओं को मानने वाले लोग थे। इसमें मौलाना साहब भी थे। मदनमोहन मालवीय भी थे, और अन्य कई लोग थे। सभी देश की आजादी के लिए साथ आए थे। कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा के साथ नहीं हुई थी, बल्कि सभी देश की आजादी के लिए साथ आए थे। शाह ने कहा कि महात्मा गांधी दूरदर्शी होने के साथ ही बहुत चतुर बनिया थे। उन्हें मालूम था कि आगे क्या होने वाला है। उन्होंने आजादी के बाद तुरंत कहा था कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाना चाहिए। यह काम महात्मा गांधी ने नहीं किया। लेकिन अब कुछ लोग कांगे्रस को भंग का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि कांग्रेस की स्थापना विचारधारा के आधार पर नहीं हुई थी। शाह ने कहा कि देश में 1650 राजनीतिक दल हैं लेकिन केवल भारतीय जनता पाटीर् और कम्युनिस्ट पार्टी में ही आंतरिक लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ दलों में परिवारवाद हावी है।
सभी को पता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा लेकिन भाजपा में मेरे बाद कौन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा, किसी को भी नहीं पता। यहां काम के आधार पर पद तय होता है। भाजपा अध्यक्ष के इस बयान के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शाह का विरोध किया है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आज यहां कहा कि महात्मा गांधी ने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर किया है। लेकिन उन्हें चतुर बनिया कहना राष्ट्रपिता का अपमान है तथा वणिक समुदाय का भी अपमान है। राष्ट्रपिता के बारे में आपत्तिजनक बात कहना राजनीति की स्थापित मयार्दाओं के खिलाफ है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि शाह के इस बयान के बाद कांग्रेस पाटीर् सभी जिला मुख्यालयों में विरोध स्वरूप शाह का पुतला दहन करेगी। नई दिल्ली में पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शाह की टिप्पणी स्वतंत्रता सेनानियों, उनके बलिदान तथा गांधी का भी अपमान है।